गैंग्स ऑफ वासेपुर के ‘डैफिनिट’ का खेल भले ही बिग बॉस के घर में समाप्त हो गया, लेकिन बाहर आते ही जीशान कादरी ज्वालामुखी की तरह फट पड़े। अमाल के दोहरे चेहरे ने दिल दुखाया, बसीर को भी खुले शब्दों में सुनाया, तान्या को चेतावनी दी कि बाहर आओगी तो मीडिया आपके हर एक झूठ पर सवाल पूछेगी, और कुनिका पर तंज कसते हुए कहा कि जिन्हें अपने रिश्ते संभालने नहीं आते, वे मुझे क्या सिखाएंगे। इस बातचीत में जीशान कादरी ने अपने दबंग अंदाज में घर के हर चेहरे की असलियत उजागर की हैं। क्या आपको लगता है आपने अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए खेला और इसी वजह से बेघर हो गए? हां, बाहर आकर मुझे पता चला कि अमाल ड्यूल फेस लेकर चल रहा था। सामने मुझे बड़ा भाई कहता था और पीठ पीछे ऐसी हरकतें करता था। मुंह पर कहने की हिम्मत नहीं थी। नेहल से कहता कि ‘इनको वासेपुर भेज देना चाहिए’। बसीर भी कम नहीं था, उसकी बातों में हां में हां मिला रहा था। मैं अमालियंस से कहना चाहता हूं, ध्यान से सुनिए आप लोग फैन हैं, लेकिन मैं उसका भाई था। मुझे उसकी ये हरकतें बिल्कुल पसंद नहीं आईं। अगर अब बाहर आकर उससे बात होगी तो डंके की चोट पर होगी सीधी-सीधी। ये दो चेहरे दिखाने की जरूरत नहीं है। जो बोलना है, मुंह पर बोलो। तान्या के साथ आपकी इक्वेशन बड़ी मस्ती-मजाक वाली थी, लेकिन अब ऑडियंस को तान्या की बातें झूठी लग रही हैं। आपको क्या लगता है? ऐसा नहीं है कि मैंने बाहर आकर तान्या पर रिसर्च की, लेकिन मेरे दोस्तों ने उसकी कुछ रिल्स मुझे भेजीं। जिसमें वो एक तरफ नतालिया से कह रही है कि ‘मैं कभी पहनी हुई साडियां रिपीट नहीं करती’, और वहीं साडियां बिग बॉस में पहन रही है। एक रील में लंदन के बिस्किट्स की बात कर रही है लेकिन खा रही है पारले-जी। मैंने तान्या से भी कहा कि मैंने अपनी जिंदगी में तुझ जैसी लड़की कभी नहीं देखी। अब जैसे आप मुझसे सवाल पूछ रहे हैं, वैसे ही तान्या जब बाहर आएगी तो मीडिया उससे भी पूछेगा कि सच्चाई क्या है। तान्या को थोड़ा बस करना चाहिए क्या पता अब अंबानी ही उनकी बातें सुनकर उनसे उधार ले लें। मालती चाहर का गेम कैसा लगा? क्या उनके आने से कोई बदलाव महसूस हुआ? 43 दिन बाहर से बिग बॉस देखकर आई थीं मालती, जो एक तरह से एडवांटेज भी है और उन्होंने अपनी स्ट्रेटेजी भी बनाई है। लेकिन जो एटीट्यूड लेकर आई हैं “चल हट, निकल यहां से” वो उनके लिए भारी पड़ सकता है। घरवाले ये ज्यादा दिन तक नहीं झेलेंगे। लग रहा है कि कोई कांड जरूर करेंगी वो घर में। अमाल और बसीर से इक्वेशन कैसे बिगड़ी? जो भाई जैसा रिश्ता था, क्या वो सिर्फ गेम के लिए था? अंदर मेरे दोनों से अच्छे रिश्ते थे। फिर अमाल शहबाज के साथ हो लिया क्योंकि शहबाज जो लाइन क्रॉस करता है मजाक में, वो सिर्फ अमाल ही सुन सकता है। बसीर नेहल और फरहाना में उलझा रहता था। मैं तान्या और नीलम के साथ मस्ती करता था। एक अच्छा परिवार बन गया था। मैं किसी ग्रुप में नहीं था, बल्कि सबके साथ टाइम स्पेंड करना पसंद करता था। एक टास्क में अभिषेक ने मेरे लिए कहा था, “अभिषेक भाई तो सबके हैं मतलब किसी के नहीं।” तब मैंने जवाब दिया था “मेरी मजबूरी है तेरे साथ बैठना, वर्ना तेरे जैसे आदमी को तो मैं मुंह तक न लगाऊं।” जब मैं इविक्ट हुआ, तो वो मेरे पास आया, इमोशनल था, क्योंकि उसे पता था कि मैं सबके साथ खड़ा था। कुनिका ने आपको बिग बॉस हाउस में ‘गुंडा’, ‘औरतों के साथ बदतमीजी करने वाला’ कह कर कई आरोप लगाए। क्या कहेंगे? मेरा कुनिका के साथ कोई रिश्ता नहीं बन सकता ना भाई, ना बहन, ना मां-बेटे का। शुरुआत से ही उन्होंने बार-बार उंगली की। कभी नीलम से कहती “ज्यादा पराठे मत दो”, फिर कमेंट करती “ये कोई महाराजा है जो अंदर बैठा है?” मैं जब इविक्ट हुआ, तो नीलम से कहती “रो मत, मरा थोड़ी है वो।” मेरा पेशेंस अब खत्म हो चुका है। अल्लाह से दुआ करूंगा कि कभी सामना ना हो उनका। जो औरत बाहर रिश्ते नहीं निभा पाई, वो घर में क्या निभाएंगी? और हमने तो जीवन भर सिर्फ रिश्ते ही निभाए हैं। सलमान खान ने आपसे कहा था कि “बाहर जाकर अच्छा काम करो” क्या कुछ साथ में करने वाले हैं? मुझे लगता है जैसे ऑडियंस को मेरा गेम पसंद आया, वैसे ही सलमान भाई को भी जरूर पसंद आया होगा। मैं जरूर उनके लिए कुछ लिखना चाहूंगा। बहुत बड़ा फैन हूं इतना कि अगर उनकी फिल्म आ रही है तो 2 घंटे थिएटर में खड़े होकर भी देख सकता हूं। मेरा गैंग्स ऑफ वासेपुर वाला किरदार भी उनसे ही प्रेरित था। उनके लिए प्यार हमेशा रहेगा। बिग बॉस के घर से निकलते ही सबसे पहले आपने क्या किया? मैं सच बताऊं तो सबसे पहले कोल्ड ड्रिंक पी और जमकर बर्गर खाया। यही सब छोटी-छोटी चीजें मैं बहुत मिस कर रहा था। सबसे मजे की बात ये रही कि मेरी मां ने मुझसे कहा कि “जैसा गया था, वैसा ही लौट आया, कोई बदलाव नहीं आया।” 50 दिन बेहतरीन तरीके से कटे, बिग बॉस हाउस में बहुत मजा आया। घरवालों से बहुत कुछ सीखने को मिला जैसे मेकअप कैसे करते हैं, अच्छे कपड़े पहनने होते हैं और फिर घर में बैठे रहना होता है। जीवन में आपने कामयाबी और नाकामी दोनों देखी हैं, लेकिन फिर भी इतने ग्राउंडेड कैसे हैं? कभी सक्सेस को हावी नहीं होने दिया? देखिए, आज भी मुझे टपरी पर चाय पीना पसंद है, लोगों से मिलना-जुलना अच्छा लगता है। मुझे किसी बात का डर नहीं है, फेलियर से भी नहीं। शायद यही वजह है कि मैं ऐसा हूं। और ये जो ‘सेलिब्रिटी’ शब्द है, वो भी मुझे समझ नहीं आता। मैं तो सबका भाई हूं और हमेशा रहूंगा। अगर गैंग्स ऑफ वासेपुर के किरदारों से बिग बॉस कंटेस्टेंट्स की तुलना की जाए, तो कौन क्या होता? सरदार खान- बसीर (थोड़ा ठरकी है लेकिन मजेदार लड़का है) फैजल खान- मैं डैफिनिट- अमाल (रामाधीर से पैसे लिए 10 लाख, फैजल को बता भी दिया) रामाधीर सिंह- कुनिका (उंगली करने वाली)