छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर 6 नक्सली ढेर:इनमें तीन महिला नक्सली, हिड़मा की मां बोलीं- घर लौट आओ, गांव में ही कमाई करके खाएंगे

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छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर बीजापुर जिले में जवानों ने 6 नक्सलियों को मार गिराया है। इनमें 3 महिला नक्सली शामिल हैं। जवानों ने मौके से ऑटोमैटिक हथियार भी बरामद किए हैं। मुठभेड़ नेशनल पार्क क्षेत्र में हुई है। जानकारी के मुताबिक, बीजापुर DRG, दंतेवाड़ा DRG और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की संयुक्त टीम मुठभेड़ में शामिल थी। बीजापुर एसपी डॉ. जितेन्द्र यादव ने बताया कि इंसास, स्टेनगन, 303 राइफल, विस्फोटक और नक्सल सामग्री बरामद की गई है। वहीं बस्तर रेंज IG सुंदरराज पी. ने कहा कि सुरक्षाबलों के लिए एक निर्णायक और महत्वपूर्ण बढ़त है। यह सफलता ऐसे समय में मिली है, जब माओवादी संगठन नेतृत्वविहीन, दिशाहीन और मनोबलहीन स्थिति में अपने कुछ बचे हुए ठिकानों में सिमटकर रह गया है। वहीं छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर तारलागुड़ा क्षेत्र में अन्नाराम के जंगलों में भी पुलिस-नक्सलियों की मुठभेड़ हुई। सर्चिंग के दौरान एनकाउंटर स्पॉट से एक घायल नक्सली को पकड़ा है। नक्सली को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इलाज भी चल रहा है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, नक्सली सरेंडर करेंगे, तो उन्हें वापस आने का सुरक्षित रास्ता भी दिया जाएगा। आने के बाद पुनर्वास भी कराया जाएगा। वर्ना जो प्रक्रिया है सर्चिंग की वो चलेगी। अगर नक्सलियों की तरफ से हमला होता है, तो उसका मुंहतोड़ जवाब भी दिया जाएगा। इन सबके बीच नक्सल कमांडर हिड़मा की मां माड़वी पुंजी और नक्सल लीडर बारसे देवा की मां बारसे सिंगे ने गृहमंत्री विजय शर्मा के सामने अपने-अपने बेटों से सरेंडर करने की अपील की है। दोनों की मां ने कहा कि घर लौट आओ बेटा। गांव में ही कमाई करेंगे और खाएंगे। अब पढ़िए हिड़मा की मां ने क्या कहा ? हिड़मा की मां माड़वी पुंजी ने अपने बेटे से कहा कि कहां पर हो, आ जाओ कह रही हूं। नहीं आ रहा है तो मैं कैसे करूं, कहीं आसपास रहता तो जंगल में ढूंढने भी जाती, और क्या कहूं बेटा, घर आजा बोल रही हूं। घर आजा। गांव में ही कमाई करके खाएंगे, जीएंगे। जनता के साथ जी लेना आ जाओ। अब कहां है हिड़मा अब तक नक्सलियों की बटालियन नंबर-1 को लीड कर रहा खूंखार नक्सली हिड़मा को माओवादियों की सबसे बड़ी कमेटी COC यानि सेंट्रल ऑर्गनाइजिंग कमेटी में जोड़ा गया है। ये वह कमेटी होती है, जिसमें देशभर के माओवादी विचारधारा के मजबूत व्यक्तियों को लिया जाता है। अब पढ़िए नक्सली बारसे देवा की मां ने क्या कहा ? वहीं नक्सली बारसे देवा की मां बारसे सिंगे ने कहा कि बेटा घर आजा। यहां घर पर ही रहकर कमाई करके जीएंगे। मत जाओ बोली थी, लेकिन चला गया। घर में ही नांगर-कुली करने वाले कोई नही हैं। घर आकर सरेंडर कर दे। घर में कमाई करके खाएंगे। घर आने से अच्छा रहेगा। कुछ दिन पहले भी बोली हूं। कहीं आस-पास रहते तो ढूढ़ने भी जाती, लेकिन मैं कहां ढूंढूं। बड़ादेवा के नाम से भी जाना जाता है देवा हिड़मा के ही गांव पूवर्ती का ही देवा भी रहने वाला है, जो नक्सलियों का स्ट्रॉन्ग होल्ड एरिया है। देवा साथियों के बीच बारसा सुक्का, बारसे, देवन्ना और बड़ादेवा के नाम से भी जाना जाता है। इससे पहले देवा दरभा डिवीजन कमेटी का सेक्रेटरी था। देवा को हिड़मा का करीबी माना जाता है। जानकारी के मुताबिक, देवा अनपढ़ है, लेकिन उसे स्थानीय भाषा के अलावा उड़िया, तेलगु, मराठी और हिंदी भाषा की जानकारी है। इसके अलावा नक्सलियों की प्रेस टीम में काम करने की वजह से तकनीकी जानकारियां भी देवा ने हासिल की हैं। लंबे समय तक नक्सलियों की सिविल मिलिट्री में काम करने से रणनीति बनाने में माहिर है। 6 दिन पहले -तेलंगाना बॉर्डर पर हुआ था मुठभेड़ इससे पहले 5-6 नवंबर को छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर बीजापुर जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। एनकाउंटर में 3 नक्सलियों के मारे गए थे। अन्नाराम और मरीमल्ला के जंगलों में दोनों ओर से फायरिंग हुई थी। मुठभेड़ मद्देड एरिया कमेटी से हुई थी। इस दौरान जंगल से जवानों ने बड़ी तादाद में हथियार बरामद किए थे। इसके पहले मारे गए नक्सलियों के बारे में जानिए गरियाबंद में 11 सितंबर को 10 नक्सली मारे गए गरियाबंद जिले में 11 सितंबर को जवानों ने एनकाउंटर में 5 करोड़ के 10 इनामी नक्सलियों को मार गिराया था। इसमें डेढ़ करोड़ का इनामी नक्सली मोडेम बालाकृष्ण भी मारा गया। मोडेम बालाकृष्ण ओडिशा स्टेट कमेटी का सचिव था। मामला मैनपुर थाना क्षेत्र के मटाल पहाड़ी में मुठभेड़ हुई। मारे गए नक्सलियों में 6 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल हैं। मारे गए नक्सलियों में केंद्रीय समिति के सदस्य मनोज उर्फ ​​मोडेम बालाकृष्ण, ओडिशा राज्य समिति के सदस्य प्रमोद उर्फ ​​पांडु, ओडिशा राज्य समिति के सदस्य विमल उर्फ ​​मंगना समीर और पीपीसीएम रजीता शामिल थे। इसके साथ ही टेक्निकल टीम PPCM अंजली, SDK ACM सीमा उर्फ ​​भीमे, ACM विक्रम, डिप्टी कमांडर उमेश और बीबीएम डिवीजन PM बिमला शामिल थे। इनपर छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश सरकार ने 5 करोड़ 22 लाख का इनाम घोषित किया था। एनकाउंटर के बाद की ये तस्वीरें देखिए… अब पढ़िए गरियाबंद नक्सल एनकाउंटर की कहानी ? दरअसल, मारे गए नक्सली मोडेम बालकृष्ण के गार्ड कैलाश ने सरेंडर किया था। इसी से पुलिस को मोडेम के बारे में सीक्रेट जानकारी मिली। कैलाश के बताए ठिकानों में पुलिस ने नजर रखना शुरू किया। लोकेशन कन्फर्म होते ही जवानों की टीम गुरुवार सुबह मैनपुर के कुल्हाड़ी घाट पहुंची। इस दौरान कुल्हाड़ी घाट से लगे पहाड़ी इलाके मटाल में जवानों ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया। एनकाउंटर में सेंट्रल कमेटी सदस्य मनोज उर्फ बालन्ना उर्फ मोडेम बालकृष्ण अपने 9 साथियों के साथ मारा गया। एसपी निखिल राखेचा ने इसकी पुष्टि की है। ओडिशा स्टेट कमेटी का सचिव था बालाकृष्ण गरियाबंद पुलिस ने गुरुवार को मैनपुर के कुल्हाड़ी घाट से लगे पहाड़ी इलाके मटाल में संयुक्त ऑपरेशन चलाया। सुबह से रुक-रुककर कई घंटे तक मुठभेड़ चली। एनकाउंटर में सेंट्रल कमेटी सदस्य मनोज उर्फ बालन्ना उर्फ मोडेम बालाकृष्ण अपने 9 साथियों के साथ मारा गया। बालाकृष्ण के पास ओडिशा राज्य कमेटी के सचिव की भी जिम्मेदारी थी। चलपति के मारे जाने के बाद बालाकृष्ण को मिली थी जिम्मेदारी 14 जनवरी को चलपति समेत 16 नक्सलियों के ढेर होने के बाद धमतरी, गरियाबंद और नुआपड़ा डिवीजन कमेटी को विस्तार करने की जिम्मेदारी बालाकृष्ण को दी गई थी। यह सूचना पुलिस तक आ चुकी थी। बालकृष्ण की मौजूदगी की पुख्ता सूचना के बाद एसपी निखिल राखेचा ने संयुक्त ऑपरेशन लॉन्च किया था। अब पढ़िए बालाकृष्ण तक कैसे पहुंची पुलिस ? मोडेम 25 साल से सुरक्षा एजेंसियों की नजरों से बच रहा था। एजेंसियों के पास बालकृष्ण के जवानी की तस्वीर भर थी। 15 दिन पहले ही मोडेम बालकृष्ण के गार्ड कैलाश नाम के नक्सली ने सरेंडर किया था। उसी से कुख्यात नक्सली मोडेम के बारे में एजेंसी को कई पुख्ता जानकारियां मिलीं। पुलिस के मुताबिक मोडेम बालाकृष्ण कई साल से शुगर की बीमारी से जूझ रहा था। उसके सिर के बाल झड़ गए हैं। उसे चलने के लिए 2 लाठियों का सहारा लेना पड़ता था। …………………………………. नक्सलियों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… 1. 131 जवानों का हत्यारा देवजी बना नक्सल महासचिव: बसवाराजू की जगह कमान, ताड़मेटला-रानीबोदली अटैक का मास्टरमाइंड, हिड़मा संभालेगा दंडकारण्य, पढ़िए टॉप नक्सल लीडर्स की प्रोफाइल आंध्रप्रदेश के खूंखार नक्सली बसवाराजू के मारे जाने के बाद नक्सल संगठन ने थिप्पिरी तिरुपति उर्फ देवजी को नया महासचिव नियुक्त किया है। देवजी बस्तर के 131 से ज्यादा जवानों का हत्यारा है। ताड़मेटला-रानीबोदली अटैक का मास्टरमाइंड है। नक्सल महासचिव ​​​​​देवजी पर 1 करोड़ से ज्यादा का इनाम है। पढ़ें पूरी खबर

2. गरियाबंद एनकाउंटर..मारे गए 3 करोड़ से ज्यादा के 16 नक्सली: यहीं से 3 राज्यों की नक्सल एक्टिविटी कंट्रोल करता था एक करोड़ का इनामी चलपति छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में मारे गए नक्सलियों की पहचान हो चुकी है। करीब 80 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में 16 नक्सली मारे गए। इनमें से 12 नक्सलियों पर कुल 3 करोड़ 16 लाख रुपए का इनाम घोषित था। मारे गए नक्सलियों में नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का मेंबर चलपति भी है। अकेले चलपति पर ही 90 लाख का इनाम था। पढ़ें पूरी खबर 3. माओवादियों का लेटर-हथियार छोड़ने को तैयार: लिखा- जेल में बंद साथियों से बात करेंगे, आईजी-गृहमंत्री बोले- पहले लेटर की जांच करेंगे नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी अब सरकार के सामने सरेंडर करने और हथियार डालने राजी हो गई। CPI (माओवादी) ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि उनकी पार्टी फिलहाल अस्थायी तौर पर हथियारबंद संघर्ष को रोकने और शांति वार्ता के लिए तैयार है। संगठन ने साफ किया है कि वे सरकार से गंभीर और ईमानदार पहल की उम्मीद कर रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर…

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