नरेंद्र सिंह तोमर के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद संसदीय कार्य मंत्रालय, विधानसभा सचिवालय और संसदीय कार्य विभाग के बीच यह अनुबंध हुआ है। इस परियोजना पर कुल 23 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है। जुलाई के दूसरे सप्ताह में आयोजित मोहन कैबिनेट ने परियोजना को मंजूरी भी दे दी।