फर्जी फैसला कांड में पुलिस ने चार साल पूर्व ही जज विजेंद्रसिंह रावत के खिलाफ सुबूत एकत्र करना शुरू कर दिया था। रावत के कोर्ट से जब्त कंप्यूटर की हार्ड डिस्क रिकवर करवाकर फर्जी फैसले की प्रति निकाल ली थी। इसके बाद टाइपिस्ट नीतूसिंह से पेनड्राइव जब्त कर उसको भी रिकवर करवा लिया। एसआईटी ने रावत को पत्र लिखकर मोबाइल मांगा था, पर वह उपलब्ध नहीं करवाया गया।
