आज यानी की 02 नवंबर को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जा रहा है। इसको अन्नकूट भी कहा जाता है। दिवाली के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा की जाती है। इस बार अमावस्या तिथि दो दिन होने की वजह से यह पर्व 02 नवंबर को मनाया जा रहा है। इस पर्व को इंद्र देव पर भगवान कृष्ण की विजय के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इसदिन सभी अपने-अपने घरों में गोबर का गोवर्धन पर्वत और भगवा न श्रीकृष्ण बनाते हैं। फिर इसकी पूजा की जाती है, तो ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस महापर्व से जुड़ी प्रमुख बातों के बारे में बताने जा रहे हैं।
Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा में श्रीकृष्ण को लगाएं अन्नकूट का भोग, जानिए क्या है इसका महत्व
क्या है अन्नकूट
मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 व 108 तरह के भोग लगाए जाते हैं और फिर कान्हा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इसदिन भगवान श्रीकृष्ण को चढ़ाए गए भोग को अन्नकूट कहा जाता है। इसके बिना गोवर्धन पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए गोवर्धन पूजा के पर्व पर अपने घरों में अन्नकूट जरूर बनाना चाहिए।
अन्नकूट में होती हैं ये चीजें
गोवर्धन पूजा पर बनने वाले अन्नकूट में कई तरह की सब्जियां, खीर, कढ़ी-चावल, पेड़े, रबड़ी, पुवा, मक्खन, मिश्री, मिठाइयां और पूड़ी आदि तरह-तरह की चीजें बनाई जाती हैं। फिर इन चीजों को भोग के रूप में भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित किया जाता है।
गोवर्धन पूजा में क्यों बनाया जाता है अन्नकूट
पौराणिक कथा के मुताबिक इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने देवराज इंद्र के अभिमान को पूरी तरह से चकनाचूर कर दिया था। समूचे बृजवासियों को गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण देकर भगवान श्रीकृष्ण ने सभी की बारिश से रक्षा की थी। साथ ही श्रीकृष्ण ने लोगों को यह सीख भी दी थी कि प्रकृति से मिलने वाली हर चीज बेहद अहम होती है। इसके बाद से गोवर्धन पूजा की शुरूआत हुई।