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Thursday, December 26, 2024

जमीन पर लेटी सैकड़ों महिलाओं पर चले बैगा…VIDEO:शादी के 3 साल बाद भी संतान नहीं, बच्चे की चाहत में अंगारमोती की शरण में महिलाएं

छत्तीसगढ़ के धमतरी में अंगार मोती माता मंदिर परिसर में सैकड़ों महिलाओं के ऊपर से बैगाओं के चलने का वीडियो सामने आया है। मान्यता है कि बैगा पर मां अंगारमोती का वास होता है। जिस महिला पर बैगा के पैर पड़ जाते हैं, उसकी सूनी गोद भर जाती है। दूसरे राज्यों से भी बड़ी संख्या में महिलाएं माता के दरबार में आती हैं। वीडियो में दिख रहा है कि निसंतान महिलाएं बाहें फैलाकर नींबू, नारियल और अन्य पूजा सामग्री लेकर पेट के बल लेटी हैं। उनके ऊपर से बैगा झंडा-पताका लेकर चल रहे हैं। इस मड़ई मेले में 52 गांव से देवी-देवता, डांग, डोरी, बैगा, सिरहा और गायता पुजारी पहुंचे थे। मनोकामना पूरी होने पर फल चढ़ाती हैं महिलाएं दरअसल, धमतरी के गंगरेल में आदिशक्ति मां अंगारमोती माता विराजमान है। यहां श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। गंगरेल की मां अंगारमोती माता के प्रांगण में जिलेभर में सबसे पहले मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। मनोकामना पूरी होने के बाद इच्छा अनुसार महिलाएं फल चढ़ाती हैं। मन्नत के लिए सुबह से पहुंची थी महिलाएं मन्नत पूरी करने पहुंची महिला सविता साहू, दुर्गा कश्यप, सुनीता देवांगन, पूजा और नंदनी का कहना है कि, मां अंगारमोती माता के बारे में सुनने के बाद वो भी माता के दरबार पहुंची हैं। सुबह 4 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक मनोकामना के लिए खड़ी रहीं। ज्यादातर महिलाओं की शादी को 3 साल हो गए, लेकिन बच्चा नहीं हुआ है। बैगा के ऊपर माता का होता है वास मां अंगारमोती माता ट्रस्ट के सदस्य जयपाल सिंह ध्रुव का कहना है कि, यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। पुजारी के ऊपर मां अंगारमोती माता वास करती हैं। जब से माता को गंगरेल में स्थापित किया गया है, तब से गंगरेल में यह आयोजन हो रहा है। सैकड़ों की संख्या में महिलाएं मन्नत मांगने आती हैं जयपाल सिंह ध्रुव ने बताया कि दिवाली के बाद पहले शुक्रवार के दिन महिला संतान प्राप्ति के लिए यह मन्नत करती हैं, क्योंकि इस दिन विशेष महत्व होता है, जिनके कारण सैकड़ों की संख्या में महिलाएं मन्नत मांगने आती हैं। गंगरेल के निर्माण के बाद दोबारा हुई स्थापना मां अंगारमोती माता ट्रस्ट के सदस्य शिवचरण नेताम का कहना है कि, माता का निवास पहले डुबान के ग्राम चवर में था। जब गंगरेल बांध का निर्माण हुआ, तो उस समय अर्जी विनती कर 52 गांव के देवी देवताओं ने मिलकर उन्हें यहां स्थापित किया, जिसके बाद से माता की मान्यता और बढ़ती जा रही है। कहां स्थित है मां अंगारमोती मंदिर ? अंगार मोती माता मंदिर धमतरी जिले के गंगरेल बांध के किनारे स्थित है, जो जिले से महज 13 की दूरी पर है। जहां आप बड़ी आसानी से किसी भी यात्रा के साधन से पहुंच सकते हैं। वहीं वहीं रायपुर से 93 किलोमीटर की दूरी पर है। यह मंदिर आस्था का केंद्र है। यहां रोजाना सैकड़ों भक्त मां देवी अंगारमोती के दर्शन के लिए आते हैं। अंगारमोती माता किसकी बेटी है ? धमतरी जिले में प्रतिष्ठित अंगार मोती माता ऋषि अंगीरा की पुत्री है, जो पहले सिहावा के पास गठुला में रहते थे। वर्तमान में गंगरेल बांध के किनारे विराजमान है। …………………………………….. इससे संबंधित यह खबर भी पढ़िए… धमतरी के अंगारमोती माता मंदिर पहुंचे पं. धीरेंद्र शास्त्री: कड़ी सुरक्षा के बीच की पूजा-अर्चना, लगाए मां के जयकारे; लोगों ने ली सेल्फी बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री सोमवार को धमतरी पहुंचे। उन्होंने गंगरेल स्थित प्रसिद्ध मां अंगारमोती माता मंदिर पहुंचकर दर्शन किया। कड़ी सुरक्षा के बीच पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने मंदिर में पूजा अर्चना की। मंदिर के सेवादारों ने माता की चुनरी भेंट की। यहां पढ़ें पूरी खबर…

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