यूक्रेन के रूस पर ब्रिटिश मिसाइल से हमला करने का दावा किया जा रहा है। रॉयटर्स के मुताबिक बुधवार को यूक्रेन ने रूस पर पहली बार ब्रिटिश मिसाइल स्टॉर्म शैडो क्रूज से हमला किया। एक रूसी सैनिक ने ऑनलाइन दावा किया कि कम से कम 12 मिसाइलें कुर्स्क इलाके में दागी गई हैं। इससे पहले मंगलवार को यूक्रेन ने अमेरिकी लंबी दूरी की ATACMS बैलिस्टिक मिसाइल से रूस पर हमला किया गया था। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि यूक्रेन ब्रिटिश मिसाइलों का भी इस्तेमाल कर सकता है। इससे पहले रूस ने कहा था कि अगर NATO देशों के हथियारों का इस्तेमाल उसकी जमीन पर होता है तो इसे तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत समझा जाएगा। यूक्रेन ने रूस पर पहली बार अमेरिकी मिसाइल दागीं रूस ने मंगलवार को दावा किया था कि यूक्रेन ने पहली बार अमेरिका से मिली लंबी दूरी की मिसाइलें उनके इलाके में दागी हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन ने मंगलवार सुबह ब्रियांस्क इलाके में लंबी दूरी वाली 6 आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) मिसाइलें दागीं। रूस ने कहा कि उन्होंने 5 मिसाइलों को मार गिराया है। रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन और अमेरिका के अधिकारियों ने भी रूस पर ATACMS का इस्तेमाल किए जाने की पुष्टि की है। इसके बाद बुधवार को कीव में अमेरिकी एम्बेसी को बंद कर दिया गया था। बाद में अमेरिकी ने इसे गुरुवार को खोलने की बात कही। क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल में क्या अंतर? क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल में क्या अंतर?अमेरिका ने यूक्रेन को बैलिस्टिक मिसाइल और ब्रिटिश ने क्रूज मिसाइल दी है। ये दोनों मिसाइलों का काम अलग-अलग होता है। क्रूज मिसाइल बैलिस्टिक मिसाइल यूक्रेन को लैंड माइन्स देगा अमेरिका, 3 दिन में 2 खतरनाक हथियारों को मंजूरी दी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन यूक्रेन को एंटी पर्सनल लैंड माइन्स देने को राजी हो गए हैं। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि जल्द ही यूक्रेन को ऐसे माइन्स सौंपे जाएंगे। अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को इन माइन्स का इस्तेमाल यूक्रेन की सीमा में ही करने को कहा है। रिपोर्ट के मुताबिक रूसी सेना यूक्रेन के पूर्वी इलाके में तेजी से बढ़ती जा रही है। इस पर रोक लगाने के लिए अमेरिका ने यूक्रेन को ये हथियार देने का फैसला किया है। रूस-यूक्रेन से सटे 3 देशों ने अपने नागरिकों के लिए अलर्ट जारी किया रूस-यूक्रेन में तनाव बढ़ने के बाद 3 नॉर्डिक देशों ने युद्ध अलर्ट जारी किया है। नॉर्वे, फिनलैंड और डेनमार्क ने अपने नागरिकों से जरूरी सामानों का स्टॉक रखने और अपने सैनिकों को जंग के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, इन देशों की सीमाएं रूस और यूक्रेन से सटी हैं। यूक्रेन पर परमाणु हमले की स्थिति में इन देशों पर असर पड़ सकता है। नॉर्वे ने पर्चे बांटकर अपने नागरिकों को युद्ध को लेकर आगाह किया है। स्वीडन ने भी अपने 52 लाख से ज्यादा नागरिकों को पर्चे भेजे हैं। उन्होंने परमाणु युद्ध के दौरान विकिरण से बचाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली आयोडीन की गोलियां रखने के निर्देश दिए हैं। रूस बोला- यूक्रेन जंग को खींचने की कोशिश कर रहा अमेरिका अमेरिका में ट्रम्प के फिर से राष्ट्रपति चुने जाने के बाद बाइडेन सरकार यूक्रेन की मदद से जुड़े नए-नए फैसले ले रही है। बाइडेन ने सोमवार को यूक्रेन को ATACMS मिसाइलों से रूस पर हमले की मंजूरी दी थी। इसके बाद यूक्रेन ने मंगलवार को रूस पर मिसाइलें दागीं। लैंड माइन देने से जुड़ी खबरों को लेकर रूस ने कहा कि बाइडेन प्रशासन यूक्रेन जंग को खींचने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा- आप हाल में लिए गए उनके कुछ फैसले देखिए। साफ लग रहा है कि वे जंग को लंबे समय तक खींचने के लिए कुछ भी करना चाहते हैं। पुतिन ने परमाणु हथियारों से जुड़े नियम बदले यूक्रेन के रूस पर हमले से कुछ ही घंटे पहले राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत देने से जुड़े एक फैसले को मंजूरी दी थी। नए नियम के मुताबिक अगर कोई देश जिसके पास परमाणु हथियार नहीं हैं, अगर वो किसी न्यूक्लियर पावर वाले देश के सपोर्ट से रूस पर हमला करता है तो इसे रूस के खिलाफ जंग का ऐलान समझा जाएगा। ऐसी स्थिति में मॉस्को न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल कर सकता है।