रायपुर में तीन दिन पहले एक गैंगवार में 2 लोगों की हत्या हुई। वहीं 5 नवंबर को दो गैंग के विवाद में सेन्ट्रल जेल के सामने ही गोली चल गई। आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई जैसे राजधानी में ट्रेंड सी हो गई है। बढ़ते क्राइम में गैंग और गैंगस्टर्स की बड़ी भूमिका है। रायपुर में करीब ऐसे 20 गैंग एक्टिव हैं। जिनके सरगना और सदस्यों पर मर्डर जैसे संगीन इल्जाम हैं। जुआ, सट्टा, ड्रग्स सप्लाई जैसे अवैध धंधे इनके लिए जैसे आम बात है। कुछ गैंग की तो सोशल मीडिया में फैन फॉलोइंग भी है। इससे नाबालिग भी उनसे जुड़ रहे हैं। रायपुर में ऑपरेट हो रहे ऐसे गैंग्स की पूरी कुंडली हम आपको बताएंगे। पहले जानिए कुछ गैंग के नाम और उनके गोरखधंधों वाले इलाके- अब विस्तार से जानिए इन गैंग के बारे में कोतवाली से लेकर माना थाना इलाके में गांजा, शराब और सट्टे का गोरखधंधा करने वाला हिस्ट्रीशीटर रवि साहू इस गैंग का सरगना है। रवि को संतोष दुबे नाम के हिस्ट्रीशीटर ने गैंग में लाया था। 2017 में उसकी हत्या के बाद रवि ही ये गैंग चला रहा है। रवि साहू माना हत्याकांड समेत कई अपराधों में भी शामिल रहा है। इसके अलावा अरुण नाम का शख्स इनके अवैध कामों को संभालता है। मुकेश गुप्ता, संजू और किशन नाम के बदमाश इस गैंग को ऑपरेट करते हैं। कई नाबालिग भी इनके गैंग में शामिल हैं, जो पॉकेटमारी, गांजा तस्करी और नशे की गोलियों की बिक्री के अवैध कामों में इनका साथ दे रहे हैं। पहले मुकेश गुप्ता भी RS गैंग का हिस्सा था लेकिन उनसे अपना नया गैंग बना लिया। हिस्ट्रीशीटर मुकेश गुप्ता चाकूबाजी, गोलीकांड जैसे कई अपराधों में शामिल रह चुका है। इस गैंग में 20 से 25 लोग शामिल हैं। मनीष, मनोहर, संकेत और पंकज इस गैंग को ऑपरेट कर रहे हैं। इस गिरोह का काम गांजे की तस्करी करना है। तेलीबांधा पुलिस गांजे की बड़ी खेप के साथ एक बार इस गिरोह के मनीष सिंह पर कार्रवाई भी कर चुकी है। इसके अलावा गिरोह के कई सदस्य मर्डर के मामले में जेल जा चुके हैं। रायपुर के सेंट्रल जेल के सामने जिस शख्स साहिल कोंदा पर गोली चलाई गई थी। वो इसी गैंग से है। इस गैंग में अशरफी, सोमी, नौशाद और जिया समेत करीब 15 निगरानीशुदा बदमाश हैं। जानकारी के मुताबिक इस गैंग ने बाकायदा अपना ऑफिस बना रखा है। गांजा बेचने के आरोप में कई बार इस गैंग के लोग जेल जा चुके हैं। इसके अलावा अवैध हथियारों की सप्लाई का भी आरोप लगा है। खाली जमीनों पर कब्जा या धमकी देकर जमीन खाली कराने का काम ये गैंग करता है। इस गैंग में करीब 50 गुंडे हैं। गैंग के सरगना आसिफ, यासिन और मोहसिन हैं। गैंग के कई लोग मर्डर के मामले में जेल जा चुके हैं। जुआ और सट्टा खिलाने में भी हाथ है। हत्या और चाकूबाजी की घटनाएं इस गैंग ने की है। ये शहर में अवैध कारोबार और गुंडागर्दी करने वालों का पुराना ग्रुप है। इसे चलाने वाले हिस्ट्रीशीटर सुमीत रक्सेल की हत्या साल 2016 में गैंगवार की वजह से ही हुई थी। इसके बाद उसके भाई ने जिम्मा संभाला। शहर में रक्सेल और तंजील गैंग के बीच कई बार गैंगवार हो चुका है। इस गैंग में शामिल कई बदमाश अपना नया गैंग तैयार कर चुके हैं। रॉकी, बब्बू और कल्लू सिंधी नाम के शख्स इस गैंग को चला रहे हैं। गैंग में 15 से 20 लोग हैं। तेलीबांधा और राजेन्द्र नगर थाने में इस गैंग के लोगों के खिलाफ कई FIR है। देसी कट्टा और पिस्टल जैसे हथियार लेकर इस गैंग के लोगों की तस्वीरें आ चुकी है। नशे की गोलियां और गांजा बेचने के भी मामले दर्ज हैं। इस गैंग को चलाने वाला अज्जू सिंधी इस समय जेल में है लेकिन उसके गुर्गे इसे चला रहे हैं। अज्जू पहले रक्सेल गैंग में था फिर अपना नया गैंग तैयार कर लिया है। 15 से 20 लोग इनके गैंग में शामिल हैं। संगठित तरह से गिरोह चलाने वाले हिस्ट्रीशीटर्स पर ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही। अरुण यादव नाम का शख्स इस गैंग को ऑपरेट कर रहा है। इस पर 2 मर्डर और हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं। मनीष, यश और विवेक सिंह इस गैंग से जुड़े हुए हैं। झांकी हत्याकांड में इस गैंग के सदस्यों को अरेस्ट किया गया था। रायपुरा में कुछ साल पहले कांग्रेस नेता पर हुए गोलीकांड में भी इस गैंग का नाम सामने आया था। सौरभ और आयुष नाम के दो भाई भी इस गैंग का हिस्सा हैं। इनमें आयुष MDM ड्रग के मामले में जेल में है। लेकिन नशे का कारोबार गैंग के दूसरे मैंबर संभाले हुए हैं। मोनू तिवारी, आकाश बाबा, छोटू सागर, रामायण और आकाश सिन्हा नाम के शख्स इस गैंग को ऑपरेट कर रहे हैं। जुआ और सट्टा चलाने का काम ये गैंग करता है। गुढ़ियारी थाने में इस गैंग के सदस्यों के खिलाफ कई FIR है। जुआ-सट्टा और अवैध शराब की बिक्री ये गैंग करता है। दिनेश, निक्की, आशु, ओम दुबे और जिमी इस गैंग को ऑपरेट कर रहे हैं। इस गैंग के सदस्यों के खिलाफ सरस्वती नगर और आमानाका थाने में कई केस दर्ज हैं। गैंग का सदस्य ओम इस समय जेल में है, जिमी फरार है, दिनेश मर्डर के मामले में जेल जा चुका है। करीब 50 से 60 लोग इस गैंग से जुड़े हुए हैं। गैंग को कई बड़े लोगों का संरक्षण मिला हुआ है। शैंकी नाम का शख्स इस गैंग को ऑपरेट कर रहा है। इसमें बाबू, आमिर, हैप्पी रांगी, ओम और सूरज साही जैसी लोग जुड़े हैं। हत्या के प्रयास और क्रिकेट में सट्टा खिलाने के मामले इस गैंग के सदस्यों पर है। हैप्पी रांगी इस गैंग का फरार आरोपी है। सूरज MDM जैसे नशे के सामान के साथ पकड़ा चुका है। करीब 30 से 40 लोग का ये गैंग है। दूसरे शहरों के भी गैंगस्टर्स से इनका सम्पर्क है। दिलीप मिश्रा इस गैंग का सरगना है। जिस पर हत्या की कोशिश समेत कई मामले दर्ज हैं। इस गैंग में दद्दू नाम का अपराधी भी शामिल है। लॉकडाउन के समय हुए गोलीकांड में गैंग का नाम आया। साथ ही नवा रायपुर के पब में कांग्रेस नेता के भतीजे के साथ हुए विवाद में गोली चलाने के मामले में भी दिलीप मिश्रा का नाम सामने आया था। जमीन कब्जा खाली कराने और जुआ-सट्टा चलाने का काम ये गैंग करता है। यासीन और जमन ईरानी का ये गैंग है। गांजा और नशे की गोलियां सप्लाई करना इनका काम है। कारोबारियों से वसूली का काम भी ये गैंग करता है। पहले ये गैंग पंडरी और राजातालाब इलाके के आसपास था लेकिन अब सड्डू BSUP में ज्यादा एक्टिव है। इस गैंग में ईरानी ही शामिल है। चीरा गुड्डू नाम का शख्स इस समय जेल में बंद है। ये गैंग उसका बेटा ऑपरेट कर रहा है। सूखा नशा बिकवाने, मारपीट और चाकूबाजी जैसी घटनाओं में गैंग के मेंबर शामिल हैं। इस गैंग में करीब 15 से 18 लोग हैं। सम्मी गवली, गौरव तांडी, सागर टोपे, गोलू, अजय और दीना गवली मिलकर ये गैंग चलाते हैं। मारपीट और चाकूबाजी के अलावा जुआ और सट्टा जैसे अवैध कामों में इस गैंग के सदस्य लिप्त हैं। कंवर, कुलदीप और शुभंकर इस गैंग को चलाते हैं। हत्या के प्रयास जैसे मामले गैंग के सदस्यों पर दर्ज है। मारपीट और जमीन खाली कराने का काम भी मेंबर करते हैं। इनमें से कुछ आमानाका थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं। छोटा साहिल, आमिर बद्री, दीप और अरबाज मिलकर ये गैंग चलाते हैं। पिस्टल-चाकू दिखाते हुए इस गैंग के कई गुर्गों के वीडियो वायरल हो चुके हैं। सूदखोरी, वसूली समेत सूखा नशा और नशे की गोलियों का काम इस गैंग के लोग करते हैं। 20 से 25 लोग इस गैंग में शामिल हैं। करीम खान उर्फ करीम लाला गैंग गांजा तस्करी का काम करता था। जो इस समय कांग्रेस नेता के भतीजे की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं। उसका बेटा और गैंग के गुर्गे अवैध काम चला रहे हैं। निगरानी बदमाश रवि साठे भी इसी गैंग का हिस्सा है। जुआ-सट्टा जैसे अवैध कामों से जुड़े इस गैंग में छोटू भांडू, सोनू, असरकण और छोटू बंजारे शामिल हैं। छोटू भांडू इस गैंग का सरगना है। रायपुर से लेकर अभनपुर और राजिम में भी इनका अवैध काम चलता है। किस तरह बनते हैं ऐसे गैंग और गैंगस्टर्स पहले छोटे मोटे क्राइम से जुड़े आदतन अपराधी किसी बड़े गैंग में शामिल हो जाते हैं और अवैध काम करते हुए अपना गैंग खड़ा कर लेते हैं। इनमें कई लोग ऐसे भी हैं जिनकी जान-पहचान जेल के भीतर हुई और फिर बाहर निकलकर उन्होंने अपना गैंग तैयार कर लिया। भारत में गिरोह बनाकर अपराध करने वाले बदमाशों के खिलाफ सरकार ने 1986 में गैंगस्टर एक्ट लागू किया था। नाबालिगों को अपराध में कर रहे शामिल 14 से 17 साल के नाबालिग भी ऐसे गैंग का हिस्सा बन रहे हैं। क्राइम के वरिष्ठ पत्रकार त्रिराज साहू का कहना है कि युवाओं में नशा और खौफ के जरिए मशहूर होने का शौक उन्हें गैंगस्टर बना रहा है। आसपास के गैंगस्टर्स को देखकर उन्हें लगता है कि वे भी इस राह पर चलेंगे तो लोग उनसे डरेंगे। सोशल मीडिया में सबसे बड़ा डॉन साबित होने की होड़ सोशल मीडिया में ऐसे गैंगबाजों के फैन पेज बने हुए हैं। इसमें चाकू और पिस्टल लहराते उनके गुर्गे दिखाई देते हैं। कोई भी घटना होने पर वो तुरंत सोशल मीडिया में वायरल हो जाते हैं। ये गैंग एक-दूसरे को चैलेंज भी करते हैं। पुलिस ने कहा- कोई गैंग और गैंगवार नहीं राजधानी में पनप रहे गैंग को लेकर जब हमने एडिशनल एसपी लखन पटले से सवाल किया तब उन्होंने शहर में किसी भी तरह के गैंग के होने से ही इनकार कर दिया। पटले का कहना है कि रायपुर में कोई गैंग और गैंगवार जैसी स्थिति नहीं है। क्षणिक आवेश में ही अपराध हुए हैं। जिन पर पुलिस ने कार्रवाई की है। …………………………. छत्तीसगढ़ में क्राइम से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें रायपुर में गैंगवार और डबल मर्डर के बाद बवाल..VIDEO:साहू समाज ने किया चक्काजाम, शराब दुकान हटाने और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग दरअसल, सोमवार रात हरीश साहू, सोनू साहू ने दोस्तों के साथ मिलकर शराब दुकान में विवाद के बीच रोहित सागर को चाकू से मार डाला था। इसकी भनक लगते ही रोहित गैंग के लड़कों ने हरीश को किडनैप किया और उसे भी मार डाला। मामला विधानसभा थाना क्षेत्र का है। ASP कीर्तन राठौर के मुताबिक, आमासिवनी स्थित विदेशी शराब भट्ठी में खाने-पीने के दौरान दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ था। पढ़िए पूरी खबर…