छत्तीसगढ़ को 3 नए आईएएस अफसर मिले हैं। अब यह अधिकारी छत्तीसगढ़ में अपने करियर की शुरुआत करेंगे। यूपीएससी में 75वें रैंक पाने वाले राजस्थान के अक्षय दोषी, 238 रैंक वाले विपिन दुबे यूपी के मिर्जापुर और 441 रैंक वाले क्षितिज गुरभले महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। केंद्रीय लोक कार्मिक प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने आदेश जारी किया है। चलिए जानते हैं इन IAS अफसरों की कहानी… 6 बार नाकाम, लेकिन हार नहीं मानी राजस्थान के बाड़मेर जिले के चौहटन गांव के रहने वाले अक्षय दोषी का बचपन इंडिया पाकिस्तान बॉर्डर के करीब ही बीता है। परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं था। अक्षय बताते हैं कि, उनके पिता के बड़े भाई का सपना था कि, परिवार से कोई यूपीएससी जरूर क्रैक करें। उन्हीं से इंस्पायर होकर अक्षय ने पढ़ाई की शुरुआत की थी। अक्षय के पिता LIC एजेंट है। मां हाउस वाइफ हैं। एक मिडिल क्लास फैमिली में रहते हुए अक्षय ने यूपीएससी की तैयारी की। खास बात यह है कि, पांच बार यूपीएससी में नाकाम रहने के बाद भी हौसला नहीं टूटा। अक्षय डटे रहे और 6वें अटेम्प्ट में यूपीएससी-2023 में 75वीं रैंक हासिल कर अब आईएएस अफसर बने हैं। मिर्जापुर में IPS थे विपिन दुबे युवाओं के बीच मिर्जापुर का नाम सुनते ही उन्हें मशहूर वेब सीरीज की याद आ जाती है। जिसमें मुख्य किरदार में अभिनेता पंकज त्रिपाठी नजर हैं। असल दुनिया में मिर्जापुर शहर के रहने वाले विपिन दुबे आईपीएस रह चुके हैं। दरअसल, विपिन दुबे को अपने आखिरी प्रयास में आईपीएस सर्विस मिली थी। हालांकि इसके बावजूद वे रुके नहीं। वे आईएएस की तैयारी करते रहे और उन्हें सफलता भी मिली। विपिन के पिता पेशे से वकील हैं। पहले प्रयास में ही विपिन ने 361वीं रैंक हासिल की और आईपीएस बने। विपिन हर दिन 10 से 12 घंटे पढ़ाई करते रहे। अब वे छत्तीसगढ़ में आईएएस की जिम्मेदारी संभालेंगे। जब पिता से कहा था खड़े हो जाओ क्षितिज गुरभले ने आईआईटी रुड़की जैसे देश के शीर्ष संस्थान से पढ़ाई की है। जब नौकरी की बात आई, तो वे करोड़ों के पैकेज वाली कंपनियों के पास नहीं गए। उन्होंने अपने दोस्तों और परिवार वालों को बताया कि, उन्हें अफसर बनना है। वे यूपीएससी की तैयारी करते रहे और पहली ही कोशिश में परीक्षा पास कर ली।अब आईएएस बनकर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। महाराष्ट्र के नागपुर में जन्मे क्षितिज की स्कूली शिक्षा भोपाल में हुई। क्षितिज का एक वीडियो हुआ था वायरल जब 2023 के यूपीएससी के नतीजे घोषित हुए तो क्षितिज का एक वीडियो वायरल हुआ। क्षितिज को यूपीएससी के लिए अपने पिता से प्रेरणा मिली थी। इसलिए वो सबसे पहले अपने पिता के दफ्तर में अपने चयन की खबर देने पहुंचे। उसका एक दोस्त वीडियो शूट कर रहा था। उसके पिता अपने साथियों के साथ टिफिन लेकर खाना खा रहे थे। क्षितिज ने वहां जाकर कहा कि, जब कोई बड़ा अधिकारी आए तो खड़े हो जाना चाहिए। यह सुनते ही उसके पिता की आंखें भर आईं और उन्होंने अपने बेटे को गले लगाया और चूमा। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को दो करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा था। टॉपर को यूपी इस सूची में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 के टॉपर आदित्य श्रीवास्तव को उनके गृह राज्य उत्तर प्रदेश का कैडर मिला है। वहीं, दूसरे स्थान पर रहे अनिमेष प्रधान को ओडिशा कैडर और तीसरे स्थान पर रहे तेलंगाना के दोनुरु अनन्या रेड्डी को महाराष्ट्र कैडर मिला है। कैडर क्या है ? कैडर मतलब जहां, जिस जगह रहकर IAS बनने वाला कैंडिडेट अपनी सेवाएं देगा। यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद पहले सर्विस अलॉट की जाती है और फिर कैडर। सर्विस का मतलब IAS, IPS इससे है। भारत में यूपीएससी कैडर को कई जोन में बांटा गया है। कैडर एलोकेशन पॉलिसी – 5 जोन में बंटे राज्य भारत के सभी राज्यों को 5 कैडर में बांटा गया है। यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए उम्मीदवारों को इन्हीं में से एक में नियुक्त किया जाता है। किसे कहां जाने की इच्छा है उनसे पूछा जाता है। इसके बाद रिक्तियों के हिसाब से फैसला करते हुए अफसरों को प्रदेश में भेजा जाता है। कुछ अधिकारियों को उनके होम स्टेट भी भेजा जाता है। ये इस पर निर्भर करता है कि दूसरे अफसरों ने उस स्टेट को अपने प्रिफरेंस में मांगा है या नहीं। वहां पद रिक्त है या नहीं