केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बस्तर दौरे के दूसरे दिन बीजापुर जिले में गुंडम के सीआरपीएफ कैंप पहुंचे। इस इलाके को नक्सली नेता हिड़मा का गढ़ माना जाता है। इस दौरान शाह ने जवानों का हौसला बढ़ाया। साथ ही एक ग्रामीण महिला ने उनसे मिलकर बस्तर के कंद-मूल एक टोकरी में उपहार दिया और फिर बस्तर से नक्सलवाद खत्म करने का निवेदन किया। महिला ने कहा कि बस्तर में खूनखराबा चरम पर पहुंच चुका है और अब बस्तर में हिंसा और नहीं चाहिए। इस पर शाह ने कहा कि बस्तर में अब शांति, खुशहाली और विकास चाहिए। 31 मार्च 2026 बस्तर की नक्सलवाद से आजादी का दिन होगा। इस तारीख के बाद से बस्तर नक्सलमुक्त होगा और बस्तर में शांति, खुशहाली और विकास होगा। जगदलपुर में शाह ने कहा कि नक्सली जिस भाषा में समझें, उन्हें उसी में जवाब दिया जाएगा। सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि शहीदों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। केंद्र और राज्य सरकार शहीदों के परिवारों के हितों का ध्यान रख रही है और उनके लिए बेहतर काम कर रही है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बताया कि बस्तर में शांति व उन्नति के लिए शहीद जवानों व नक्सल पीड़ितों व परिजनों से वे मिलना चाह रहे थे। हर शहीद की स्मृति को सहेजने का काम सरकार पूरा करेगी। वहीं, जगदलपुर स्थित अमर शहीद वाटिका में शाह ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने नक्सल हिंसा से पीड़ित परिवारों व शहीद जवानों के परिजनों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि जैसा नक्सल पीड़ितों ने अपने परिजन को खोया है, वैसे देश और छत्तीसगढ़ में किसी को न खोना पड़े, इसलिए मैं विश्वास दिलाता हूं कि मां दंतेश्वरी की धरती से नक्सलवाद को समूल जड़ से उखाड़ फेकेंगे। भारत सरकार की सुरक्षा एजेंसियां व पुलिस के जवान मजबूती से नक्सल मोर्चे पर काम कर रहे हैं। एक साल की सटीक रणनीति से नक्सलवाद का दायरा सिमटा है और विकास के कामों को गति देने चरणबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नक्सली जिस भाषा में समझें, उन्हें उसी भाषा में जवाब दिया जाएगा। बीजापुर के सरकारी स्कूल में पहुंचे शाह, यह देख झूम-झूमकर पढ़ाने लगा शिक्षक शाह बस्तर के गुंडम गांव पहुंचे। यहां वे ग्रामीणों से चर्चा के बाद गुंडम प्राथमिक शाला पहुंचकर बच्चों से भी मिले। इस दौरान ग्रामीणों ने शाह को कोचई-कांदा से भरी टोकरी गिफ्ट की। जब शाह स्कूल के भीतर गए तो वहां मौजूद शिक्षक पूरे उत्साह में बच्चों को पढ़ाने लगा। एक चिड़िया उड़ गए कहते हुए झूम रहा था, बच्चे भी हाथ के इशारे से मजे से बोल-बोलकर पढ़ रहे थे। शाह ने परिजन से कहा कि बच्चों को हमेशा स्कूल भेजें। सरकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ भी लें। पहली बार… शाह देश के ऐसे पहले गृहमंत्री, जो यहां पहुंचे अमित शाह देश के ऐसे पहले केंद्रीय गृहमंत्री हैं, जो अतिनक्सल प्रभावित इलाके में पहुंचे। शाह के दौरे के दौरान पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया। वहीं सुरक्षा बल के जवान लगातार गश्त-सर्चिंग अभियान चलाते रहे। जिस गुंडम कैंप में केंद्रीय गृहमंत्री शाह पहुंचे, वहां से नक्सलियों की मिलेट्री बटालियन के चीफ हिड़मा का गांव पूवर्ती महज 7 किमी की दूरी पर है। भरोसा भी दिया… अब डरें नहीं, आवास, इलाज व शिक्षा मिलेगी शाह ने भरोसा दिलाया कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का फायदा उन तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि अब डरने की कोई बात नहीं है, क्योंकि नक्सलियों का खात्मा होने वाला है। नक्सलियों को भगाने के लिए ही जवानों ने कैंप खोला है। ग्रामीणों को अब पक्का आवास मिलेगा। इसके साथ ही पीने का साफ पानी, इलाज के लिए अस्पताल की सुविधा देने सरकार प्रतिबद्ध है। इसलिए गुंडम…यहां नक्सली सक्रिय, यहीं से उन्हें चुनौती भी बीजापुर जिले के गुंडम धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शुमार है, जहां नक्सली पूरी तरह सक्रिय हैं। यही नहीं, इसी गांव में नक्सलियों ने अपना सबसे बड़ा शहीद स्मारक बना रखा है और इस इलाके में नक्सलियों की कंपनी नंबर 9 सक्रिय है। यहां से नक्सलियों की मिलेट्री बटालियन चीफ हिड़मा का गांव पूवर्ती केवल 7 किमी दूर है। ऐसे में नक्सलियों को चुनौती देने शाह यहां पहुंचे। डेडलाइन तय करते ही नक्सल ऑपरेशन की रणनीति पर अफसरों से चर्चा अमित शाह की नवा रायपुर स्थित होटल में सोमवार को डेढ़ घंटे की बैठक प्रस्तावित थी। शाम 6.30 बजे उन्हें लौट जाना था, लेकिन यह बैठक रात 10 बजे बैठक खत्म हुई। इसमें पहले से अब तक के नक्सल ऑपरेशन की समीक्षा की गई। शाह ने नक्सल ऑपरेशन चलाने के साथ नक्सल प्रभावित लोगों की सुविधा पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि नक्सल इलाकों में सुविधा बढ़ाई जाए। समर्पित नक्सलियों और प्रभावित लोगों को ज्यादा सुविधा दी जाए। शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम किया जाए। उन्होंने सड़क कनेक्टिविटी बढ़ाने को कहा है। उन्होंने कहा कि नक्सली बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं। फोर्स के ऑपरेशन से बौखलाए हुए हैं। उन्होंने सभी एजेंसी व संस्था को समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिए हैं।