सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद की पत्नी अस्मा अल असद ने उनसे तलाक के लिए अर्जी दी है। इजराइली अखबार यरूशलम पोस्ट के मुताबिक सीरिया की सत्ता से बाहर हो चुके असद की पत्नी रूस में रहकर खुश नहीं हैं। वह ब्रिटेन जाने का प्लान बना रही हैं। अस्मा ने रूसी अदालत में देश छोड़ने के लिए आवेदन भी किया है। अस्मा ने दिसंबर 2000 में बशर अल असद से शादी की थी। उनके पास ब्रिटेन और सीरिया की दोहरी नागरिकता है। अस्मा का जन्म 1975 में लंदन में सीरियाई माता-पिता के यहां हुआ था। अस्मा ने लंदन के किंग्स कॉलेज से कंप्यूटर साइंस और फ्रेंच लिटरेचर में डिग्री हासिल की है। अस्मा और असद के तीन बच्चे हैं, जिनके नाम हाफिज, जीन और करीम हैं। वे अपने बच्चों के साथ लंदन में रहने के लिए प्लान कर रही हैं। 8 दिसंबर को सीरिया की राजधानी दमिश्क पर विद्रोही लड़ाकों के कब्जे के बाद बशर अल असद ने देश छोड़कर परिवार के साथ रूस में शरण ली थी। रूस में प्रतिबंधों में रह रहा असद परिवार यरूशलम पोस्ट के मुताबिक बशर अल असद और उनका परिवार मॉस्को में रह रहा है। रूस ने उन्हें अपने यहां शरण तो दी है, लेकिन उन्हें कड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। असद के मॉस्को छोड़ने या किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने पर रोक लगा दी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी अधिकारियों ने असद की संपत्ति भी जब्त कर ली है। इसमें 270 KG सोना, 2 बिलियन डॉलर कैश और मॉस्को के 18 अपार्टमेंट शामिल हैं। तुर्किये की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक असद भी रूस छोड़कर ब्रिटेन जाने की फिराक में हैं। दूसरी तरफ असद के भाई महेर को अब तक रूस ने शरण नहीं दी है। दावा असद ने सीरिया से रूस भेजा था 2 टन कैश फाइनेंशियल टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से ये दावा किया है कि राष्ट्रपति असद ने रूस में 250 मिलियन डॉलर (2,082 करोड़ रुपए) नकद भेजे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये लेन-देन में 100 डॉलर और 500 यूरो के नोट थे। इनका वजन करीब 2 टन था। इसे मार्च 2018 और मई 2019 के बीच दमिश्क से मॉस्को के वानुकोवो एयरपोर्ट पर भेजा गया था। इस पूरी रकम को भेजने में 21 फ्लाइट्स का इस्तेमाल हुआ। मॉस्को पहुंचने पर इसे रूसी बैंकों में जमा करा दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि असद सरकार पर पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगा दिया था। ऐसे में वे डॉलर और यूरो का इस्तेमाल नहीं कर सकते थे। इसलिए उन्होंने इस रकम को रूस में भुनाने का फैसला किया। सीरियाई विद्रोही जुलानी को अमेरिका ने आतंकी लिस्ट से हटाया अमेरिका के लिए सीरिया में विद्रोही गुट तहरीर अल शाम (HTS ) के नेता अबु मोहम्मद अल जुलानी अब आतंकी नहीं रहा। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सरकार ने जुलानी पर रखे गए 10 मिलियन डॉलर (85 करोड़ रुपए) का इनाम हटा लिया है। सीरिया में HTS नेताओं के साथ बैठक के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने यह फैसला लिया। अमेरिका की सहायक विदेश मंत्री बारबरा लीफ ने कहा कि राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल करने के बाद यह फैसला किया गया है। असद सरकार गिरने के बाद अमेरिका का एक दल सीरिया पहुंचा है। इसका नेतृत्व बारबरा लीफ कर रही हैें। अमेरिकी अधिकारियों ने शनिवार सुबह HTS चीफ अबु जुलानी से भी मुलाकात की। बारबरा लीफ ने कहा कि HTS नेताओं संग बातचीत काफी अच्छी और सफल रही। अमेरिका ने साल 2018 में HTS को एक ‘आतंकी’ संगठन घोषित किया था। इससे एक साल पहले अबू जुलानी पर इनाम रखा गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका HTS गुट को भी आतंकी संगठन की सूची से हटाने पर विचार कर रहा है। —————————————— बशर अल असद से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… सीरिया में तख्तापलट के बाद पहली बार बोले असद: मैंने अपने लोगों को धोखा नहीं दिया, लड़ना चाहता था, मजबूरी में देश छोड़ना पड़ा सीरिया में सुन्नी विद्रोहियों ने 8 दिसंबर को राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया। इससे ठीक पहले राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भाग गए। इस घटना के बाद से पहली बार उनका बयान आया है। पूरी खबर यहां पढ़ें…