एक शहर में वह अधिकतम दो माह रुकता था। उसका एक माह में कम से कम 50 से 60 फर्जी खाते खुलवाने का लक्ष्य रहता था। शहर बदलने के साथ ही वह फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले नए लड़कों की भर्ती कर लेता था। देश में कहीं भी रहने के दौरान वह पटना से लगातार संपर्क में बना रहता था।