कभी जिस कंपनी ने IPL जैसे टूर्नामेंट को स्पॉन्सर किया, आज उसकी नेटवर्थ जीरो यानी शून्य हो चुकी है। इसका सीधा मतलब ये है कि कंपनी कर्ज में डूब चुकी है। कंपनी अपने बैंक बैलेंस और असेट्स से ज्यादा कर्ज ले चुकी है। यहां हम एडटेक प्लेटफॉर्म Byju’s की बात कर रहे हैं, जिसकी हालत आज ऐसी हो चुकी है कि कंपनी के पास अपने कर्मचारियों को सैलरी देने तक के पैसे नहीं बचे हैं। कंपनी की वर्थ जीरो होने की बात कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने कही। ‘हमने कोई धोखाधड़ी नहीं की’ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रविंद्रन बायजू ने कहा कि हमने कंपनी को लेकर कोई धोखाधड़ी नहीं की है। अगर ऐसा होता तो फाउंडर्स ही कंपनी से सबसे पहले पैसा निकालते। लेकिन हमने ऐसा नहीं किया, बल्कि हमने और पैसा लगाया। अमेरिकी कर्जदाताओं से 1.2 अरब डॉलर का टर्म लोन खतरनाक साबित हुआ। BCCI से डील के बाद इन कर्जदाताओं से विवाद हुआ और उन्होंने लोन और ब्याज चुकाने को कहा। इसके बाद इन्वेस्टर्स भी कंपनी से अलग हो गए। यहां से कंपनी की हालत खराब होती चली गई और तीन साल के अंदर कंपनी पूरी तरह से बर्बाद हो गई। कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने कहा कि Byju’s के तीन प्रमुख इंवेस्टर्स- प्रोसस, पीक XV पार्टनर्स और चैन जुकरबर्ग इनिशिएटिव 2023 में एक ही समय पर कंपनी से अलग हो गए थे। ये वो समय था जब कंपनी पहले से ही परेशानियों का सामना कर रही थी। ऐसे समय में तीन बड़े इन्वेस्टर्स का कंपनी से अलग होना बहुत बड़ा झटका है। इसके बाद कंपनी के लिए फंड जुटाना मुश्किल हो गया था। बायजू ने कहा कि इन्वेस्टर्स अगर इस्तीफा देने की बजाए बदलाव या पुनर्गठन के लिए वोट करते तो आज कंपनी की ये हालत न होती। जिस कंपनी की वैल्यूएशन 2022 में 22 अरब डॉलर थी, आज वो शून्य पर खड़ी है। एक टीचर बना बिजनेसमैन बायजू रविंद्रन B.Tech करने के बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में सर्विस इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे थे। साल 2003 में जब वो वेकेशन के लिए घर लौटे तो देखा कि उनके साथ पढ़ने वाले दोस्त CAT की तैयारी कर रहे थे। CAT देश के प्रतिष्ठित मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट्स में एडमिशन पाने के लिए एक एग्जाम है। बायजू ने CAT के बारे में खुद भी पढ़ा और अपने दोस्तों को भी पढ़ाना शुरू किया। उनके पढ़ाने की वजह से ज्यादातर दोस्तों ने एग्जाम क्लियर किया। बायजू ने खुद भी CAT में 100 पर्सेंटाइल स्कोर किया। उन्होंने अगली बार फिर एग्जाम दिया और एक बार फिर उन्हें 100 पर्सेंटाइल हासिल हुआ। दो साल बाद बायजू ने शिपिंग कंपनी छोड़ फुल टाइम पढ़ाना शुरू कर दिया। पत्नी के साथ शुरू किया बिजनेस 2007 में बायजू ने Byju’s Classes शुरू की। शुरुआत में उन्होंने किराए के कमरे में स्टूडेंट्स को एग्जाम प्रिपेरेशन के लिए गाइडेंस देना शुरू किया। देखते ही देखते उनकी पॉपुलैरिटी इतनी बढ़ गई कि उन्हें स्टेडियम में क्लासेज लगानी पड़ी। इसके बाद 2011 में बायजू रविंद्रन ने पत्नी दिव्या गोकुलनाथ के साथ थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की। बायजू इस समय तक दक्षिण भारत में काफी पॉपुलर हो गए थे। पढ़ाई को लेकर उनके रिजल्ट ओरिएंटेड अप्रोच की वजह से कई स्टूडेंट्स एग्जाम्स क्रैक करने में सक्सेसफुल हो रहे थे। 2013 में मणिपाल ग्रुप के चेयरमैन रंजन पाई और इनफोसिस के पूर्व CFO मोहनदास पाई ने बायजू रविंद्रन की कंपनी में इन्वेस्ट किया और इस तरह Byju’s की शुरुआत हुई। ऑफलाइन से ऑनलाइन मोड पर शिफ्ट हुई कंपनी इन्वेस्टमेंट मिलते ही कंपनी सबसे पहले ऑफलाइन से ऑनलाइन मोड पर शिफ्ट हो गई। देश में डिजिटल लर्निंग के बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए 2015 में कंपनी ने अपनी सबसे पहली मोबाइल ऐप लॉन्च की। 2016 में कंपनी को 145 मिलियन डॉलर और 2017 में 70 मिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट मिला। इस इन्वेस्टमेंट के बाद Byju’s का विस्तार शुरू हुआ। कंपनी ने ढेरों नए लोगों को नौकरी पर रखना शुरू किया और देशभर में एडवर्टाइजमेंट कैंपेन लॉन्च किए। कंपनी ने एड और मार्केटिंग पर काफी पैसा खर्च किया। शाहरुख खान और मोहनलाल जैसे स्टार्स इसके एड में दिखने लगे। 2019 तक इस स्टार्टअप में 50 हजार से भी ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे थे। रेवेन्यू के मामले में भी कंपनी का प्रदर्शन बेहतरीन था। 1 हजार करोड़ रुपए के वैल्यूएशन वाली ये देश की पहली एडटेक कंपनी बन गई थी। कोविड महामारी में एडटेक सेक्टर में बूम आया कोविड महामारी के दौरान जब सभी को घरों में कैद होने को मजबूर होना पड़ा पेरेंट्स बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशान होने लगे। ऐसे समय में एडटेक प्लेटफॉर्म्स काफी पॉपुलर हुए। जब स्कूल और यूनिवर्सिटी सब बंद था तो ढेरों स्टूडेंट्स ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करने लगे। Byju’s के लिए ये अच्छा वक्त था। 2019 से 2020 के बीच कंपनी 1 बिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट रेज किया। इस इन्वेस्टमेंट का फायदा कंपनी ने प्रोडक्ट पोर्फोलियो और ज्योग्राफिकल रीच बढ़ाने के लिए किया। इसी के साथ कंपनी ग्लोबल एडटेक प्लेटफॉर्म बनने की ओर बढ़ रही थी। महामारी के साथ कंपनी की ग्रोथ भी रुक गई 2017 से 2021 के बीच Byju’s ने 17 कंपनियों को अक्वायर किया। इन्हें Byju’s का विस्तार करने के लिए अक्वायर किया गया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इनमें से काफी कंपनियों ने Byju’s का फायदे की बजाए नुकसान किया। 2020 में WhiteHat Jr को 300 मिलियन डॉलर में अक्वायर किया गया था। लेकिन इसका कोई फायदा Byju’s को नहीं हुआ। उल्टा WhiteHat Jr हाई प्रेशर सेल्स टैक्टिक्स लोगों की नजर में आ गई और इसपर सवाल उठने लगे। इसके बाद 2021 में कंपनी ने जब अपने पिछले सालों के रेवेन्यू का दोबारा इवैल्यूएशन किया तो पता चला कि कंपनी अपना एक्सपेक्टेड टारगेट अचीव नहीं कर पाई है। साथ ही सामने आया कि कंपनी का लॉस बढ़ रहा है। नुकसान के बावजूद मार्केटिंग पर पानी की तरह पैसा बहाया Byju’s नुकसान झेल रही थी। लेकिन इसके बावजूद कंपनी मार्केटिंग पर पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा था। 2019 में कंपनी इंडियन प्रीमियर लीग यानी IPL की मेन स्पॉन्सर बनीं। कंपनी ने अंतर्राष्ट्रीय एडवर्टाइजमेंट पर भी करोड़ों रुपए खर्च किए। 2022 में Byju’s ने FIFA वर्ल्ड कप भी स्पॉन्सर किया। इसी समय कंपनी ने हजारों कर्मचारियों को नौकरी से हटाया भी था। जिसकी वजह से लोगों में कंपनी के खिलाफ गुस्सा बढ़ गया। इन चकाचौंध भरे एड का भी कोई फायदा कंपनी को नहीं हुआ। कई कर्मचारी और कस्टमर्स ने कंपनी के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी थी। पार्लियामेंट में उठा Byju’s का मुद्दा पेरेंट्स आरोप लगा रहे थे कि Byju’s के सेल्समैन बड़े-बड़े वादे करके उन्हें और उनके बच्चों को झूठा सपना दिखाकर बेवकूफ बनाते हैं। गरीब और मिडिल क्लास माता-पिता बच्चों के बेहतर भविष्य का सोचकर बिना सोच-विचार किए Byju’s के महंगे कोर्स खरीदने लगे। वहीं, कंपनी में काम करने वाले पूर्व कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कंपनी सेल करने के लिए उनपर जरूरत से ज्यादा दबाव बनाती है। वर्किंग ऑवर्स के अलावा भी उन्हें कॉल कर सेल्स टारगेट पूरा करने के लिए कहा जाता है। पेरेंट्स और स्टूडेंट्स Byju’s के कोर्सेज की क्वालिटी पर सवाल उठाने लगे थे। कंपनी के वर्किंग कल्चर को लेकर भी लोगों ने आवाज उठानी शुरू कर दी। पार्लियामेंट में भी मुद्दा उठा कि कंपनी अपने कस्टमर्स को पैसे भरने के लिए बार-बार फोन कर उनके साथ दुर्व्यवहार करती है। शिक्षा की ऐसी ही और खबरों के लिए पढ़ें… 1. कोटा में स्टूडेंट सुसाइड का 15वां मामला:6 महीने पहले NEET की तैयारी के लिए आया था; पुलिस ने कहा- मेंटल इलनेस से जूझ रहा था राजस्थान के कोटा में NEET UG की तैयारी करने वाले 20 साल के स्टूडेंट ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। ये स्टूडेंट्स उत्तर प्रदेश का रहने वाला था। पूरी खबर पढ़ें… 2. 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