मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने BYJU’s के फाउंडर बायजू रवींद्रन और कंपनी के डायरेक्टर्स के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया है। इसमें 46.90 करोड़ रुपए की जालसाजी के आरोप लगाया गया है। ये FIR थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (Byju’s की पैरेंट कंपनी), बायजू रवींद्रन (फाउंडर), रिज्जू रवींद्रन (डायरेक्टर), दिव्या गोकुलनाथ (डायरेक्टर और को-फाउंडर) के खिलाफ दर्ज हुई है। शिकायतकर्ता आदित्य बिरला कैपिटल नामक कंपनी से है, जो BYJU’s में NEET, CUET, JEE Mains और UPSC के एंट्रेंस एग्जाम की प्रिपरेशन के लिए एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को लोन प्रोवाइड करती थी। बायजू का जन्म केरल में के कुन्नूर जिले के अझिकोड नाम के एक छोटे से कस्बे में हुआ। वहां उनके पिता रविंद्रन फिजिक्स के टीचर थे और मां शोभनवल्ली मैथ्स पढ़ाती थीं। इसी सरकारी मलयाली मीडियम स्कूल से बायजू की शुरुआती पढ़ाई हुई। फिर उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में BTech किया। इंजीनियरिंग के बाद बायजू ने ब्रिटिश शिपिंग फर्म पैन ओशन शिपिंग लिमिटेड (Pan Ocean Shipping Ltd) में करियर की शुरुआत की। यहां उन्होंने सर्विस इंजीनियर के रूप में काम किया। CAT में 100 परसेंटाइल स्कोर किया साल 2003 की बात है। बायजू ने नौकरी से 2 महीने की छुट्टियों में ली हुई थी। उन्हें पढ़ाने का शौक था, इसलिए छुट्टियों में वो MBA के लिए CAT एंट्रेंस की तैयारी कर रहे अपने दोस्तों के कॉन्सेप्ट क्लियर करने में मदद करने लगे। इस दौरान उन्हें अचानक ख्याल आया कि क्यों न मैं भी CAT का एग्जाम दूं। उसने एग्जाम दिया और पहले ही प्रयास में 100 परसेंटाइल स्कोर किया। बायजू ने सोचा तुक्का लग गया होगा, लेकिन अगले प्रयास में फिर 100 परसेंटाइल। बायजू इसे इतनी आसानी से कर पा रहे थे, जिसे हासिल करने के लिए लोग जी-जान लगा देते हैं। रवींद्रन को लगभग सभी इंडियन मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट्स यानी IIMs से इंटरव्यू के लिए बुलावा आया। लेकिन उन्होंने अपनी नौकरी को कॉन्टिंन्यू रखने का फैसला किया। ऑडिटोरियम में लेनी पड़ी क्लास कुछ एक साल बाद, उनके और दोस्तों ने अनौपचारिक रूप से उनसे मदद मांगी और उन्होंने उन्हें भी पढ़ाना शुरू कर दिया। शुरुआत में दो लोगों ने बायजू से पढ़ने की इच्छा जताई, ये 4 हुए फिर 8 और अचानक 16 हो गए। आगे चलकर 2007 में, उन्होंने बेंगलुरु के ज्योति निवास कॉलेज में दोस्तों की मदद से वीकेंड पर CAT एंट्रेंस एग्जाम के लिए क्लासेज शुरू कीं। इसके बाद बायजू की लोकप्रियता का आलम ये हो गया कि ऑडिटोरियम में क्लासेज लेनी पड़ीं, जहां 1000 से ज्यादा स्टूडेंट्स होते थे। बायजू ने एक हफ्ते में 9 शहरों में क्लास लेना शुरू किया। और ये सिलसिला 2009 तक चलता रहा। फिर 2009 में वीडियो के जरिए बायजू ने ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया। थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई बायजू ने साल 2011 में थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाई। फिर उन्होंने अपना फोकस इंजीनियरिंग या MBA की तैयारी करने वालों से शिफ्ट करके 1 से 12वीं की तरफ किया। देश में इन स्टूडेंट्स की संख्या 25 करोड़ से भी ज्यादा है और इस मार्केट की तरफ उस वक्त तक किसी का फोकस नहीं था। कंपनी का टारगेट IIT-JEE, NEET, CAT, IAS आदि के एंट्रेंस एग्जाम थे। बायजू महसूस करते थे कि उनके कई स्टूडेंट्स जो आमतौर पर कॉलेज ग्रेजुएट्स होते थे, उनके फंडामेंटल कॉन्सेप्ट ही क्लियर नहीं होते थे, क्योंकि ज्यादातर स्कूल सिखाने पर नहीं, नंबर्स पर फोकस करते हैं। बायजू ने एक ऐसा आइडिया लाया, जिसने एडटेक इंडस्ट्री को बदलकर रख दिया। 2015 में BYJU’s एप लॉन्च किया बायजू को अपनी सोच को एक प्रोडक्ट के रूप में उतारने में 4 साल का वक्त लगा। फिर उन्होंने साल 2015 में BYJU’s एप लॉन्च किया। एप लॉन्च होते ही यह बहुत तेजी से लोकप्रिय हो गया। अक्टूबर 2018 में, एप का विस्तार यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और अन्य दूसरे अंग्रेजी बोलने वाले देशों में हुआ। जुलाई 2022 तक, एप को 150 मिलियन से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका था। साथ ही इसके यूजर्स औसतन हर दिन एप पर 71 मिनट बिताते थे। भारत की पहली एडटेक यूनिकॉर्न कंपनी बनाई साल 2018 में Byju’s ने सिक्वोया कैपिटल, टेनसेंट, चाण्जुकरबर्ग इनिशिएटिव, और सोफिना जैसे बड़े निवेशकों से फंडिंग हासिल की। इस साल BYJU’s ने लगभग $540 मिलियन (करीब 3,800 करोड़ रुपए) की फंडिंग जुटाई। इसका नेतृत्व साउथ अफ्रीका की Naspers Ventures और Canada Pension Plan Investment Board (CPPIB) ने किया। इस फंडिंग राउंड के बाद BYJU’s की वैल्यूएशन $3.6 बिलियन पहुंच गई। इसके साथ ही, BYJU’s भारत की पहली एडटेक यूनिकॉर्न कंपनी बन गई। ———————- ये खबर भी पढ़ें… मिथुन मन्हास होंगे BCCI के नए अध्यक्ष: JK के लिए अंडर 19, दिल्ली के लिए रणजी खेले; बोर्ड लीड करने वाले पहले अनकैप्ड क्रिकेटर फॉर्मर डोमेस्टिक क्रिकेट प्लेयर मिथुन मन्हास का भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI का अध्यक्ष बनना तय हो गया है। वो इस पद पर निर्विरोध रूप से चुने जाएंगे। दरअसल रविवार, 21 सितंबर को नॉमिनेशन फाइल करने की लास्ट डेट थी। मन्हास के अलावा किसी और ने अपना नाम दाखिल नहीं किया। पढ़ें पूरी खबर…