छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एक साथ हो रहे हैं। इन चुनावों में बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही दलों में कई बड़े नेताओं के रिश्तेदार चुनावी मैदान में हैं। इनमें मुख्यमंत्री के समधी और एक मंत्री की बहू भी हैं। साथ ही एक और मंत्री के भाई तो निर्विरोध पार्षद पद का चुनाव जीत भी गए हैं। इनके अलावा बीजेपी के ही 2 पूर्व मंत्रियों के 3 रिलेटिव मैदान में हैं। कांग्रेस की बात करें तो, एक पूर्व मंत्री के परिवार का सदस्य चुनाव लड़ रहा है तो वहीं, कांग्रेस मेयर के पति और एक पूर्व महापौर की पत्नी को भी टिकट मिली है। वैसे तो ये फेहरिस्त लंबी है और कुछ आरक्षण के चलते भी कॉन्टेस्ट से बाहर हो गए जिसे आगे विस्तार से बताएंगे पहले ये लिस्ट देखिए- जिला पंचायत सदस्य के लिए रेस में सीएम के समधी बात करें, मौजूदा मंत्रियों के रिश्तेदारों की तो, कोरबा में श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन के भाई नरेंद्र पार्षद पद का चुनाव निर्विरोध जीत गए हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी की बहू चंपा जायसवाल को नगर पंचायत झगराखांड से अध्यक्ष पद के लिए टिकट मिली है। चंपा जायसवाल श्यामबिहारी जायसवाल के भांजे पार्षद उमेश जायसवाल की पत्नी हैं। धमतरी जिला पंचायत सदस्य के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समधी टीकाराम कंवर चुनाव लड़ रहे हैं। पंचायत और नगरीय निकाय दोनों को मिलाकर 3 बीजेपी विधायकों के परिवार के सदस्य चुनावी मैदान में हैं। वहीं एक कांग्रेस विधायक की पत्नी को टिकट मिला है। रायपुर में बड़े नेताओं की पत्नी चुनावी मैदान में सरगुजा जिला पंचायत में दिलचस्प मुकाबला भरतपुर-सोनहत की बीजेपी विधायक और पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह की बेटी मोनिका सिंह ने सरगुजा जिला पंचायत क्षेत्र-15 से नामांकन दाखिल किया है। हालांकि, भाजपा ने अधिकृत प्रत्याशी वेद प्रकाश सिंह को बनाया है। ऐसे में मोनिका सिंह का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी के साथ-साथ बीजेपी के प्रत्याशी से भी होगा। इस सीट पर दिलचस्प बात यह भी है कि, यहां कांग्रेस से समर्थित प्रत्याशी पूर्व मंत्री तुलेश्वर सिंह के बेटे सतवंत सिंह कोर्राम को बनाया गया है। तुलेश्वर सिंह अजीत जोगी सरकार में राज्यमंत्री थे। 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने तुलेश्वर सिंह की बेटी शशि सिंह कोर्राम को प्रत्याशी बनाया था। शशि सिंह भी जिला पंचायत सदस्य रही हैं। किसी को आरक्षण का फायदा किसी को नुकसान इस बार रायपुर मेयर की सीट महिला के लिए आरक्षित हो गई। ऐसे में कांग्रेस से प्रमोद दुबे की पत्नी दीप्ति दुबे को टिकट मिल गया। प्रमोद दुबे पूर्व महापौर और इस कार्यकाल में निगम के सभा पति रह चुके हैं। वहीं कुछ बड़े नेताओं के परिजन आरक्षण के कारण चुनावी मैदान से बाहर हो गए हैं। इसमें पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के भतीजे आदितेश्वर शरण सिंहदेव और पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर के बेटे का नाम आगे था। हालांकि दावेदारी वाली सीट महिला के लिए आरक्षित हो गई। आदितेश्वर शरण सिंहदेव 2019 में जिला पंचायत उपाध्यक्ष भी बने थे। पूर्व मंत्री की पत्नी-बेटा दोनों ही प्रत्याशी पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा की पत्नी शशि पैकरा सरगुजा जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 (ओड़गी 2) से चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने उन्हें समर्थित प्रत्याशी घोषित भी किया है। शशि पैकरा अविभाजित सरगुजा और विभाजन के बाद सूरजपुर में जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं। इसके अलावा रामसेवक पैकरा के बेटे लवकेश पैकरा ने भी जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक-10 (प्रतापपुर 1) से नामांकन दाखिल किया है। हालांकि, भाजपा ने परिवारवाद के आरोपों से बचने इस क्षेत्र से किसी को समर्थन नहीं किया है। मंत्री रामविचार नेताम के परिवार बाहर इस चुनाव में कृषि मंत्री रामविचार का परिवार पंचायत चुनाव से बाहर है या कहें कि हो गया है। रामविचार नेताम की पत्नी पुष्पा नेताम अविभाजित सरगुजा में जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं हैं। बलरामपुर जिले के अलग होने के बाद पुष्पा नेताम बलरामपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष निर्वाचित हुईं। पिछले पंचवर्षीय में रामविचार नेताम की बेटी निशा नेताम की भी एंट्री हुई थी और वह भी जिला पंचायत की अध्यक्ष बनीं। हालांकि इस बार परिवारवाद के आरोपों के बीच न तो पुष्पा नेताम न ही निशा नेताम चुनाव मैदान में हैं। अब जानिए कोरबा का हाल कोरबा जिला पंचायत के क्षेत्र क्रमांक-1 से पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर की बहू निर्मला कंवर को भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है। बीते कार्यकाल में पूर्व मंत्री के बेटे संदीप कंवर जिला पंचायत सदस्य थे। वहीं, कोरबा नगर निगम चुनाव में पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की पत्नी रेणु अग्रवाल को दावेदार माना जा रहा था लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला है। पहले पत्नी महापौर थीं अब खुद लड़ रहे चुनाव चिरमिरी नगर निगम की बात करें तो महापौर रही कंचन जायसवाल के पति विनय जायसवाल चुनाव मैदान में है। कांग्रेस के विनय जायसवाल पूर्व विधायक भी रहे हैं। वहीं भरतपुर-सोनहत विधानसभा से पूर्व विधायक गुलाब कमरो की बहन जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही है। वे पूर्व जिला पंचायत सदस्य भी हैं। एक विधायक की पत्नी तो एक विधायक की बहन कांकेर से भाजपा विधायक आशाराम नेताम की पत्नी सुरेखा नेताम ने जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है। वे क्षेत्र क्रमांक-1 से चुनाव लड़ेंगी। वे ग्राम पंचायत बेवरती की सरपंच रह चुकी हैं। इसके अलावा जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक-6 से किरण नरेटी ने नामांकन पत्र दाखिल किया है, जो कोंडागांव विधायक लता उसेंडी की बहन हैं। धमतरी में विधायक की पत्नी को टिकट धमतरी जिला पंचायत सदस्य सिहावा से अनुसूचित जनजाति मुक्त सीट से मुख्यमंत्री साय के समधी टीकाराम कंवर चुनाव लड़ रहे हैं। धमतरी से कांग्रेस विधायक ओंकार साहू की पत्नी सुनीता साहू को आमदी नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए टिकट मिला है। कुछ और नेताओं के रिश्तेदार जानिए ……………………………………………. छत्तीसगढ़ पंचायत-निकाय चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… 01. छत्तीसगढ़ मेयर इलेक्शन…कांग्रेस-BJP के 8 प्रत्याशी करोड़पति: मीनल के पास 500 ग्राम सोना; सिर्फ 3 पर क्रिमिनल केस, 2 MBBS, 5 12वीं और एक साक्षर छत्तीसगढ़ में 10 नगर निगम में मेयर के लिए 79 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। नामांकन के बाद उनकी संपत्ति, क्रिमिनल रिकॉर्ड समेत कई जानकारी सामने आई हैं। बीजेपी और कांग्रेस में कुल 10 मेयर प्रत्याशी करोड़पति हैं। वहीं 10 लखपति हैं। इनमें 6 कैंडिडेट्स पर कर्ज भी है। पढ़ें पूरी खबर 02. छत्तीसगढ़ मेयर-इलेक्शन…10 निगम में 79 प्रत्याशी: रायपुर में 16 और दुर्ग में सबसे कम 2, 1189 कैंडिडेट्स लड़ रहे पार्षद चुनाव; जानिए कौन-कहां से बागी छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के लिए 31 जनवरी को नामांकन वापसी का आखिरी दिन था। अब 79 मेयर प्रत्याशी ही चुनावी मैदान में रह गए हैं, जबकि 1 हजार 889 पार्षद के लिए कैंडिडेट्स हैं। हालांकि मेन मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के बीच ही होगा। 14 फरवरी को 44 लाख 87 हजार 668 मतदाता मतदान करेंगे। पढ़ें पूरी खबर…