चार मास यानि 118 दिन पहले आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को भगवान विष्णु क्षीरसागर विश्राम करने चले गए थे। उस दिन से सभी तरह के शुभ मुहूर्तों पर विराम था। मंगलवार को सिद्धि योग सहित अन्य शुभयोगों में पड़ रही देव प्रबोधिनी एकादशी पर देवगणों के जागने की परंपरा निभाई जाएगी। चार माह बाद विवाह सहित सभी शुभ कार्यों की शुरुआत होगी।