दिवाली रोशनी, खुशियां और हर्षोंल्लास का त्योहार है। पौराणिक कथा के अनुसार, रावण का वध करके, 14 वर्ष के वनवास के बाद भगवान राम अयोध्या लौटे, जिसके बाद प्रभु की स्वागात के लिए अयोध्यावासियो ने नगरी को दुल्हन की तरह सजा दिया। श्री राम के आयोध्या पाधरने पर दीए जले, आतिशबाजी हुई। दिवाली पर्व पर माता लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है। धनतेरस से दिवाली पर्व की शुरुआत हो जाती है, जो कि यह त्योहार 5 दिन चलता है। अगर आप भी माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करना चाहती हैं, तो आप दिवाली पर करें उपाय।
लक्ष्मीप्राप्ति की साधना के उपाय
– दीपावली के दिन घर के मुख्य दरवाजे के दायीं और बायीं ओर गेहूं की छोटी-छोटी ढेरी लगाकर उस पर दो दीपक जला दें। हो सके तो वे रात भर जलते रहें, इससे आपके घर में सुख-सम्पत्ति की वृद्धि होगी।
– मिट्टी के कोरे दिये में कभी भी तेल-घी नहीं डालना चाहिए। दीया 6 घंटे पानी में भिगोकर रखें, फिर इस्तेमाल करें। नासमझ लोग कोरे दिये में घी डालकर बिगाड़ करते हैं।
– लक्ष्मीप्राप्ति की साधना का एक अत्यंत सरल और केवल तीन दिन तक इस उपाय को करें- दीपावली के दिन से तीन दिन तक अर्थात् भाईदूज तक एक स्वच्छ कमरे में अगरबत्ती या धूप (केमिकल वाली नहीं- गाय के गोबर से बनी) जलाएं या फिर आप गाय के घी का दीपक जलाएं। इसके बाद शरीर पर पीले वस्त्र धारण करके, ललाट पर केसर का तिलक कर, स्फटिक मोतियों से बनी मालाओं से मंत्रों का जाप करें और कम से कम दो मालायें जपें।
इस मंत्र का जाप करें
– ॐ नमो भाग्यलक्ष्म्यै च विद् महै।
अष्टलक्ष्म्यै च धीमहि। तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्।।
-इसके अलावा, अशोक के वृक्ष और नीम के पत्ते में रोग प्रतिरोधक शक्ति होती है। प्रवेशद्वार के ऊपर नीम, आम, अशोक आदि के पत्ते को तोरण (बंदनवार) बांधना मंगलकारी होता है।