फास्टिंग एक पुरानी परंपरा है जो धार्मिक और स्वास्थ्य कारणों से की जाती है। 20 घंटे से अधिक फास्टिंग करने से ऑटोफेजी की प्रक्रिया शुरू होती है, जिससे शरीर की कोशिकाएं डैमेज या अनावश्यक चीजों को बाहर निकालती हैं, जिससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होती है और शरीर स्वस्थ रहता है।
