दिवाली पर्व के अगले दिन गोवर्धन की पूजा की जाती है। गोवर्धन की पूजा बेहद ही अहम होती है। इसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस खास अवसर पर हर घर में अन्नकूट बनाया जाता है और श्री कृष्ण को अर्पित किया जाता है। इस त्योहार को देशभर में अलग-अलग तरीका से मनाया जाता है। हालांकि, ब्रज भूमि के क्षेत्र जैसे कि- वृंदावन, भरतपुर, गोकुल, नंद गांव, मथुरा, बरसाना आदि स्थानों में इस त्योहार को भव्य तरीके से मनाया जाता है। यह पर्व दर्शता है कि भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाने और इंद्र के अहंकार को तोड़ने की लीला का स्मरण कराता है। इस दिन घर-घर में विशेष रुप पूजा की जाती है। चलिए आपको बताते पूजा की सामग्री में क्या शामिल करना और कैसे पूजा करनी है।
गोवर्धन पूजा सामग्री
– गाय का गोबर
-श्रीकृष्ण की मूर्ति
– मिठाइयां
– खील बताशे
– पीली सींक
– कच्चा दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल
– मिट्टी का दीया
– धूप, अगरबत्ती और कपूर
– रोली
– हल्दी चंदन
– पानी का कलश
– तुलसी के पत्ते
– फल और फूल मालाएं
-दूर्वा घास और वस्त्र
गोवर्धन पूजा के लिए विधि
– सबसे पहले आप सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
– इसके बाद पूजा स्थान को साफ करके लीप लें।
– शुभ मुहूर्त के दौरान, गाय के गोबर का प्रयोग करके जमीन पर गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं।
– इस आकृति के केंद्र में श्रीकृष्ण की प्रतिमा (गोबर से ही एक छोटी आकृति) स्थापित करें।
– अब गोबर के पर्वत को फूल, पत्तियों, दूर्वा, रुई और अन्य सजावटी वस्तुओं से सजाएं। कुछ स्थानों पर इसके चारों और छोटी-छोटी गोबर की मानव आकृतियां (गोप-गोपियां, गायें, ग्वाले) भी बनाएं।
– फिर आप इनके पास घी का दीपक जलाएं।
– अब टीका लगाएं और खील जरुर खिलाएं।
– इसके बाद गोवर्धन पूजा की कथा को पढ़ें।
– कथा पढ़ने के बाद गोवर्धन महाराज की परिक्रमा जरुर करें।
