सनातन धर्म में होली के दिन पूजा के गुलाल का बेहद महत्व होता है। होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। होली के दिन लोग जश्न मनाते हैं और खुशियों के साथ एक-दूसरे के चेहरे पर गुलाल लगाते हैं। इस दिन लोग अपने घरो में पूजा करते हैं और अपने ईष्ट देव को गुलाल लगाते हैं। ऐसा करने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए आपको बताते हैं पूजा का गुलाल के किस धातु के बर्तन में रखना बेहद शुभ माना जाता है।
पूजा का गुलाल किस बर्तन में रखना चाहिए?
ध्यान रखें कि पूजा का गुलाल हमेशा पीतल या तांबे के बर्तन में रखना चाहिए। इन धातुओं को शुद्ध और पवित्र मानी जाती है। इन बर्तनों को हमेशा पूजा-पाठ में इस्तेमाल किया जाता है। तांबा एक शुद्ध धातु है और इसके प्रयोग से सकारात्मक ऊर्जा होती है। तांबे बर्तन का इस्तेमाल धार्मिक अनुष्ठानों में प्रयोग किया जाता है।
किस तरह से भगवान को चढ़ाएं गुलाल
होली के दिन भगवान विष्णु और श्री कृष्ण को पीला गुलाल अर्पित करना चाहिए। आप चाहें तो पीले रंग के फूल को अर्पित कर सकते हैं। श्री गणेश को लाल रंग का गुलाल अर्पित करें या आप लांल सिंदूर भी चढ़ा सकते हैं। भगवान शिव को सफेद या नीला गुलाल चढ़ाना चाहिए। आप चाहे तो बेलपत्र और धतूरा अर्पित कर सकते हैं।