महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है यह पर्व भोलेनाथ को समर्पित है। यह दिन शिव के विवाह दिवस का प्रतीक है। महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाई जाती है, इस बार महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि एक हिंदू पर्व है जो भगवान शिव का सम्मान करता है, इसे शिव की रात भी कहा जाता है। इस दिन भक्त दिन-रात व्रत रखकर भगवान की पूजा करते हैं। यह दिन शिव और शक्ति का मिलन का दिन है।
इस दिन भगवान भोलेनाथ का विवाह माता पार्वती से हुआ था। महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन शिवलिंग पूजा के दौरान भगवान शिव के महा मंत्रों का जाप किया जाए तो इससे मृत्यु का भय दूर हो जाता है और कुंडली में बनने वाले अकाल मृत्यु का योग भी टल जाता है।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के महामंत्र
महाशिवरात्रि के दिन 4 प्रहरों में भगवान शिव का पूजन किया जाता है। हर एक प्रहर का एक मंत्र भी है। इसलिए चार प्रहर के 4 मंत्र जो मृत्यु के भय से मुक्ति दिला सकते हैं।
– प्रथम प्रहर की पूजा का समय 26 फरवरी को शाम 6 बजकर 19 मिनट से रात 9 बजकर 26 मिनट तक है। इस प्रहर में भगवान शिव के ‘ह्रीं ईशानाय नमः’ मंत्र का जाप करें।
– महाशिवरात्रि के दूसरे प्रहर की पूजा का समय 26 फरवरी को रात 9 बजकर 26 मिनट से रात 12 बजकर 34 मिनट तक है। इस दौरान भगवान शिव के ‘ह्रीं अघोराय नम:’ मंत्र का जाप करें।
– तीसरे प्रहर की पूजा का समय 26 फरवरी को रात 12 बजकर 34 मिनट से रात 3 बजकर 41 मिनट है। इस दौरान भगवान शिव के ‘ह्रीं वामदेवाय नमः’ मंत्र का जाप करें।
– महाशिवरात्रि के चौथे प्रहर की पूजा का समय 26 फरवरी को रात 3 बजकर 41 मिनट से 27 फरवरी को सुबह 6 बजकर 48 मिनट है। ऐसे में इस प्रहर के दौरान भगवान शिव के ह्रीं सद्योजाताय नमः मंत्र का जाप करें।