अश्विन माह की अमवस्या इस साल 2 अक्टूबर, दिन बुधवार को पड़ रही है। इस तिथि के दिन उन सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी तिथि के बारे में पता न हो। इसके साथ ही, सर्व पितृ अमावस्या से जुड़े कुछ नियम भी शास्त्रों में बताया गया है। जिनका पालन करना काफी जरुरी है। शास्त्रों में सर्व पितृ अमावस्या से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं। जिनका पालन करना काफी आवश्यक माना जाता है।
सर्व पितृ अमावस्या के दिन क्या करें और क्या नहीं
-इस साल सर्व पितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। भारत में सूर्य ग्रहण मान्य नहीं होगा।
– सर्व पितृ अमावस्या के दिन गंगा स्नान ब्रह्म मुहूर्त में ही करें। दोपहर या शाम के समय स्नान करने से बचें इसके अलावा, इस दिन पितरों के निमित्त दान भी सुबह के समय करना शुभ होगा।
– सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्री विष्णु की पूजा जरुर करें क्योंकि भगवान विष्णु पितरों के देवता माने जाते हैं और इनकी पूजा से सिर्फ पितृ शांत होते है और इसके साथ ही आशीर्वाद प्राप्त होता है।
– सर्व पितृ अमावस्या के दिन घर की दक्षिण दिशा में पितरों के नाम दीया जरुर रखें। इसके लिए आप रुई की बत्ती को सरसों के तेल में काले तिल मिलाकर ही दिया प्रज्वलित करें।
– इस दिन घर के मुख्य द्वार पर भी दीया जलाना चाहिए। इसके अलावा, पीपल के पेड़ की पूजा भी करनी चाहिए। सर्व पितृ अमावस्या के दिन घर में शामी का पौधा भी लगाना चाहिए।
– ध्यान रखें कि, सर्व पितृ अमावस्या के दिन अगरबत्ती भूल से भी न जलाएं। अगरबत्ती का निर्माण बांस से होता है और बांस जलाने से पितृ नाराज हो सकते हैं। इतना ही नहीं, पितृ दोष भी लग सकता है।