नेपाल, बांग्लादेश के बाद अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में GenZ पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। वे एजुकेशन सिस्टम में बदलाव, परीक्षा में ई-मार्किंग सिस्टम की खामियां और जरूरी सुविधाओं की कमी की वजह से प्रदर्शन कर रहे हैं। यह आंदोलन 4 नवंबर को मुजफ्फराबाद में ‘यूनिवर्सिटी ऑफ आजाद जम्मू एंड कश्मीर’ से शुरू हुआ। छात्र सेमेस्टर फीस में बढ़ोतरी का विरोध कर रहे थे। इसमें एक छात्र गोली लगने से घायल हुआ, जिसके बाद यह प्रदर्शन हिंसक हो गया। यह प्रदर्शन मुजफ्फराबाद से निकलकर मीरपुर, कोटली, रावलाकोट और नीलम वैली तक फैल चुका है। लाहौर में भी इंटरमीडिएट छात्रों ने धरना दिया। छात्रों ने आजादी और ‘कातिलों जवाब दो, खून का हिसाब दो’ जैसे नारे लगाते हुए पाकिस्तानी सेना पर अत्याचार के आरोप लगाए। PoK में प्रदर्शन की 3 तस्वीरें… लाखों रुपए फीस बढ़ाने से छात्र नाराज मुजफ्फराबाद के यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर में सेमेस्टर फीस में 3-4 महीने में लाखों रुपए बढ़ने के कारण छात्र गुस्साए हुए थे। इस प्रदर्शन में इंटरमीडिएट (11वीं-12वीं) के छात्र भी शामिल हो गए, जो मैट्रिक और इंटरमीडिएट स्तर पर लागू ई-मार्किंग (डिजिटल मूल्यांकन) सिस्टम से नाराज हैं। इससे पहले 30 अक्टूबर को ग्यारहवी के रिजल्ट 6 महीने की देरी से जारी किए गए थे, जिसके कारण स्टूडेंट्स ने विरोध किया था। छात्रों ने आरोप लगाया कि ई-मार्किंग के कारण उन्हें बहुत कम नंबर मिले। वहीं, कुछ मामलों में तो ऐसी परीक्षाओं में भी पास दिखाया गया जिनकी परीक्षा उन्होंने दी ही नहीं थी। एजुकेशन बोर्ड ने ई-मार्किंग प्रक्रिया की जांच के लिए एक कमेटी गठित की, लेकिन सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। GenZ की सरकार से 7 अहम मांगे महंगाई को लेकर 5 दिनों तक चला था प्रदर्शन PoK में अक्टूबर में बिजली बिलों में वृद्धि, आटे की सब्सिडी और विकास कार्यों की मांग को लेकर प्रदर्शन हुआ था। यह आंदोलन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 5 दिनों तक चला। यह प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर जॉइंट अवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) के नेतृत्व में हुआ था। प्रदर्शनकारी सरकार पर मौलिक अधिकारों की अनदेखी और महंगाई कंट्रोल न कर पाने का आरोप लगा रहे थे। JKJAAC ने सरकार के सामने 38 मांगें रखी थी, जिनमें PoK विधानसभा की 12 रिजर्व सीटें खत्म करने की मांग की गई। सरकार ने प्रदर्शनकारियों की 38 में से 21 मांगे मान ली थी, जिसके बाद विरोध-प्रदर्शन बंद किया गया । इन प्रदर्शनों में 12 लोग मारे गए, जबकि 100 से ज्यादा घायल हुए। समझौते की मुख्य बातें- PoK में पहले भी कई बार प्रदर्शन हुए PoK में पहले भी कई बार सेना और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं। पिछले साल मई में सस्ते आटे और बिजली के लिए लोगों ने हड़ताल की थी। लोग कहना है कि PoK में मौजूद मंगला डैम से बिजली बनती है, फिर भी उन्हें सस्ती बिजली नहीं मिलती। इसी तरह 2023 में भी बिजली की कीमतें बढ़ाने और गेहूं की सब्सिडी हटाने के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए थे। 2022 में भी सरकार के एक कानून के खिलाफ लोगों ने सड़कें जाम की थीं और आजादी के नारे लगाए थे। —————————————- नेपाल में GenZ आंदोलन की खबर पढ़ें… नेपाल में तख्तापलट के 6 दिन 12 ग्राफिक्स में :Gen-Z आंदोलन में संसद जली, प्रधानमंत्री भागे, पूर्व PM पिटे; पहली बार महिला PM बनी नेपाल में 8 सितंबर को सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जेनरेशन Z का प्रदर्शन शुरू हुआ, जो हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी ‘ऑफिस सिंह’ दरबार को आग के हवाले कर दिया था। यहां PM ऑफिस भी था। पूरी खबर पढ़ें…
