प्रेमानंद महाराज ने बताया कि सपने में परिवार के मृत सदस्यों का दिखाई देना कोई चिंता की बात नहीं है। सपने सिर्फ हमारी कल्पना का प्रतिबिंब होते हैं। इन पर ज्यादा मंथन नहीं करना चाहिए। जितना मंथन करेंगे, उतने उलझते जाएंगे। बेहतर है, जिंदा लोगों की सेवा करें।