हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का काफी महत्व है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस साल का दूसरा प्रदोष व्रत रखा जाएगा। भक्तजन अपने जीवन की दिक्कतों को दूर करने औप अपनी मानोकामनाएं पूर्ण करने के लिए सोम प्रदोष व्रत रखते है। मान्यता है कि जो व्यक्ति सोम प्रदोष व्रत विधि-विधान से रखता है, भगवान भोलेनाथ उसकी तमाम इच्छाएं पूरी करते हैं और भक्त पर अपनी कृपा दृष्टि बनाएं रखते हैं। आइए जानते हैं सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और उपाय-
कब है सोम प्रदोष व्रत
हिंदू पंचांज के अनुसार, सोम प्रदोष का व्रत 27 जनवरी को रखा जाएगा।
पूजन का शुभ मुहूर्त
– त्रयोदशी तिथि आरंभ- 26 जनवरी 2025 को 8.54 पी एम
– त्रयोदशी तिथि समाप्त- 27 जनवरी 2025 को 8.34 पी एम
– प्रदोष पूजा मुहूर्त- 5.56 पी एम से 8.34 पी एम
– अवधि – 02 घंटे 38 मिनट्स
– दिन का प्रदोष- 05.56 पी एम से 08.35 पी एम
उपाय
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव चलीसा का पाठ करें। इससे भगवान भोलेनाथ की कृपा आप पर बनी रहेगी।
शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें
– घी
– दही
– फूल
– फल
– अक्षत
– बेलपत्र
– धतूरा
– भांग
– शहद
– गंगाजल
– सफेद चंदन
– काला तिल
– कच्चा दूध
– हरी मूंग दाल
– शमी का पत्ता
जानिए पूजा-विधि
स्नान करने के बाद आप साफ वस्त्र धारण करें। शिव परिवार सहित सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें। अगर व्रत रखना है तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत रखने का संकल्प लें। शाम के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं। फिर शिव मंदिर में भगवान शिव का अभिषेत करें और शिव परिवार की विधिवत पूजा-अर्चना करें। सोम प्रदोष व्रत की कथा सुनें। अब घी के दीपक से श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आरती करें। आखिर में ओम नमः शिवाय का मंत्र जाप करें। अंत में क्षमा प्रार्थना भी करें।