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Friday, November 22, 2024

Utpanna Ekadashi 2024: उत्पन्ना एकादशी कब है? इस दिन क्या करें और क्या न करें?

मार्गशीर्ष के महीने में उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु जी को समर्पित है। इस साल उत्पन्ना एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि पर रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा होती है और व्रत रखा जाता है। इस व्रत के कई नियम हैं, जिनका पालन करना अति आवश्यक है। आइए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी के दिन बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है।
कब है उत्पन्ना एकादशी?
 हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी की तिथि 26 नवंबर को रात 01 बजकर 01 मिनट पर आरंभ होगी। एकादशी का समापन 27 नवंबर को सुबह 3 बजकर 47 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, एकादशी का व्रत 26 नवंबर 2024 को रखा जाएगा।
 
उत्पन्ना एकादशी के दिन क्या करें
इस दिन शुभ मुहूर्त में विष्णु भगवान की पूजा करनी होती है। इस दिन व्रत न रखा हो, तो आप सात्विक भोजन करने की कोशिश करें। व्रत रखने से पूर्व संकल्प जरुर लें। व्रत के सभी नियमों का पालन जरुर करें। पारण सूर्योदय के बाद करना ही बेहतरीन रहेगा। इस दिन भजन-कीर्तन भी किया जाता है। 
उत्पन्ना एकादशी के दिन क्या न करें?
 
– इस दिन गलती से भी मास-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए।
– उत्पन्ना एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि उत्पन्ना एकादशी के दिन चावल का सेवन करने से दोष लगता है।
– भगवान विष्णु को तुलसी भगवान को बेहद प्रिय हैं, तुलसी के बिना श्री विष्णु का भोग नहीं लगाया जाता है। उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी की पत्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए। मन्यताओं के अनुसार, इस दिन तुलसी जी व्रत रखती हैं। इसलिए इन्हें स्पर्श करने से बचें।
– एकादशी के दिन काले रंग कपड़े नहीं पहनने चाहिए। यदि आप एकादशी के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस दिन आप पीले रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ रहेगा। 

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