भारत की आधी से ज़्यादा महिलाएँ खून की कमी से जूझ रही हैं। आलस्य और बैठे-बैठे रहने की आदत बढ़ती जा रही है। हर दस में से एक महिला शहरी इलाक़ों में बहु-अंडाशय रोग (पीसीओएस) से परेशान है। यहीं पर आयुर्वेद अपनी जगह बनाता है। दिनचर्या, अग्नि (पाचन शक्ति) और प्रकृति (शरीर की बनावट) के हिसाब से तय जीवनशैली—ये सब आधुनिक स्वास्थ्य चिंताओं का हल बन सकते हैं।