29.5 C
Bhilai
Tuesday, December 3, 2024

ईरान में अंडरवियर पहने छात्रा को हिरासत में लिया:यूनिवर्सिटी कैंपस में हिजाब का विरोध कर रही थी; कॉलेज ने मानसिक बीमार बताया

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें अंडर गारमेंट्स पहने एक युवती को गार्ड्स हिरासत में ले रहे हैं। गार्ड्स उसे कार में बैठाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि युवती उनका विरोध कर रही है। वीडियो ईरान की एक यूनिवर्सिटी का है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि युवती ने ईरान के सख्त ड्रेस कोड (हिजाब पहनने की अनिवार्यता) का विरोध करने के लिए अपने कपड़े उतारे हैं। यूनिवर्सिटी ने लड़की को मानसिक रूप से बीमार बताया वीडियो को सबसे पहले ईरानी छात्र संगठन- ‘आमिर कबीर न्यूजलेटर’ ने पोस्ट किया। इसमें बताया गया कि ईरान की इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी के गार्ड्स लड़की को हिरासत में ले रहे हैं। बाद में फारसी भाषा के कई न्यूज चैनल्स ने हेंगॉ राइट्स ग्रुप, ईरानवायर और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इसे प्रसारित किया। यूनिवर्सिटी के स्पोक्सपर्सन आमिर महजोब ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा, हम लोग युवती को पुलिस स्टेशन ले गए। जहां यह पाया गया कि वह गंभीर मानसिक दबाव से जूझ रही है यानी उसका दिमाग स्थिर नहीं है। जांच के बाद उसे मेंटल हॉस्टिपल में ट्रांसफर किया जाएगा। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि महिला की स्थिति क्या है। ईरानी मीडिया आउटलेट ‘हमशहरी’ ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि लड़की के मानसिक स्वास्थ्य की जांच की जाएगी और फिर संभवतः उसे मेंटल हॉस्पिटल भेजा जाएगा। हालांकि सोशल मीडिया पर कई यूजर्स का कहना है कि उस लड़की को कोई मानसिक समस्या नहीं है। उसने जानबूझकर हिजाब के विरोध में अपने कपड़े उतारे। ईरानी पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने X पर लिखा, यूनिवर्सिटी की मॉरेलिटी पुलिस ने ‘अनुचित’ हिसाब जे चलते स्टूडेंट को परेशान किया, लेकिन उसने पीछे हटने से इनकार कर दिया। उसने प्रोटेस्ट के लिए अपने शरीर का इस्तेमाल किया। उसने अपने कपड़े उतार दिए और यूनिवर्सिटी के कैंपस में मार्च किया। उसका यह करना ईरानी महिलाओं की आजादी की लड़ाई के लिए एक ताकतवर यादगार रहेगी। उसकी आवाज बनिए। महसा अमिनी की मौत के बाद उग्र हुए हिजाब विरोधी प्रदर्शन नए नियमों के बाद ठीक से हिजाब न पहनने के चलते ईरान की मॉरेलिटी पुलिस ने 22 साल की महसा अमिनी को गिरफ्तार किया गया था। 16 सितंबर 2022 को पुलिस कस्टडी में अमिनी की मौत हो गई। अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद ईरान में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए थे। हालांकि प्रदर्शनों को कुचल दिया गया था। 500 प्रदर्शनकारी मारे गए। आरोप है कि इनमें 50 से ज्यादा बच्चे थे, नाबालिगों को भी फांसी पर चढ़ाया गया। छात्राओं को पढ़ाई से रोकने के लिए दिया जा रहा था जहर महसा की मौत के बाद ईरान में छात्राओं को पढ़ने से रोकने के लिए जहर दिए जाने का मामला सामने आया था। इस बात का खुलासा डिप्टी हेल्थ मिनिस्टर यूनुस पनाही ने किया था। उन्होंने कहा था- घोम शहर में नवंबर 2022 के बाद से रेस्पिरेटरी पॉइजनिंग के सैंकड़ों मामले सामने आए। स्कूलों में पानी को दूषित किया जा रहा है जिससे छात्राओं को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। अब ईरान में हिजाब को लेकर और सख्त प्रावधान लागू कर दिए गए हैं। अमिनी की मौत के बाद 2022 में ईरान की संसद ने महिलाओं के ड्रेस कोड को लेकर एक नया कानून बनाया है। इसके तहत अगर वो हिजाब नहीं पहनेंगी तो उन्हें 49 लाख रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। जुर्माने के अलावा पासपोर्ट जब्त करने और इंटरनेट के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने के प्रावधान हैं। सख्ती के बावजूद ईरान में हिजाब के विरोध और महिलाओं के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की खबरें आती रहती हैं। बीते 7 साल में 72 हजार से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं। ईरान के स्कूल, कॉलेजों में हिजाब की निगरानी के लिए कैमरे
सितंबर 2022 के बाद हिजाब का विरोध करने वाले सैकड़ों छात्रों को यूनिवर्सिटीज से निकाल दिया गया था। 3 अप्रैल 2023 को ईरान के शिक्षा मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि हिजाब न पहनने या ड्रेस कोड का पालन करके वाले स्टूडेंट्स को क्लास में नहीं बैठने दिया जाएगा। इन नियमों का पालन सुनिश्चित करवाने में स्कूल और यूनिवर्सिटी का प्रशासन भी पीछे नहीं है। ईरान के अकेले महिला शिक्षण संस्थान अल-जहरा यूनिवर्सिटी के गेट पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। हिजाब न पहनने वाली स्टूडेंट्स के चेहरे पहचानने के लिए कैमरे लगा दिए गए हैं। सेमिनरी एजुकेशन यानी धर्म से जुड़ी शिक्षाएं देने वाली महिलाओं को तैनात किया गया है। नूर यानी रौशनी नाम का एक अभियान चलाया गया है, इसके तहत सरकार हिजाब नियम लागू करवाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान में अलग-अलग 32 एजेंसियां हिजाब के कानूनों को लागू करवाने के लिए काम कर रही हैं। विरोध करने वाले छात्रों को गिरफ्तार कर लिया जाता है। 2022 में अमिनी की मौत के बाद हिजाब का विरोध करने वाले सैकड़ों छात्रों को यूनिवर्सिटीज से निकाल दिया गया था। ऐसी ही और खबरें पढ़ें:
राजस्‍थान में गटर में उतरे 3 मजदूरों की मौत:सीवर सफाई से 5 साल में 377 मौतें; जानें क्‍या है मानव मल उठवाने पर कानून राजस्थान के सीकर में पिछले हफ्ते सीवरेज टैंक की सफाई करने उतरे तीन मजदूरों की मौत हो गई। मामला फतेहपुर के सरदारपुरा इलाके का है। पूरी खबर पढ़ें…

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles