100 दिन से अंतरिक्ष में फंसीं एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुश विलमोर ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भारतीय समयानुसार शुक्रवार देर रात 12.15 बजे से शुरू हुई इस चर्चा में सुनीता और बुश ने कई सवालों के जवाब दिए। दोनों ने अपना डेली रूटीन भी बताया। सुनीता और बुश ने कहा कि वे अमेरिकी चुनाव में वोट डालने के लिए नासा से पोस्टल बैलट का अरेंजमेंट करने की रिक्वेस्ट की है। दोनों ने कहा कि वोटिंग बेहद जरूरी ड्यूटी है। भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता ने कहा कि खराब हो चुके स्टारलाइन को उनके बिना ISS से रवाना होते देखना उनके लिए दुखदायी था। लेकिन उन्हें ऐसे हालात में रहने की ट्रेनिंग मिली है। दोनों एस्ट्रोनॉट ने 5 जून को स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भरी थी। वे 6 जून को अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे थे। इन्हें 13 जून को वापस आना था। लेकिन, NASA के बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के कारण इनकी वापसी टाल दी गई है। दोनों के 2025 में ही वापस आने की संभावना है। सुनीता और विल्मोर ने क्या-क्या कहा… स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट वापस धरती पर लौटा
एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुश विलमोर को स्पेस स्टेशन ले जाने वाला स्पेस क्राफ्ट 3 महीने बाद 7 सितंबर को धरती पर सुरक्षित वापस लैंड हुआ। 3 बड़े पैराशूट और एयरबैग की मदद से इसकी लैंडिंग हुआ। NASA के मुताबिक स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार शनिवार सुबह 3:30 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अलग हुआ था। इसको धरती पर आने में करीब 6 घंटे लगे। स्टारलाइनर ने 9 बजकर 15 मिनट पर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया था। तब इसकी गति करीब 2,735 किमी प्रति घंटा थी। यह सुबह 9 बजकर 32 मिनट पर अमेरिका में न्यू मैक्सिको के व्हॉइट सैंड स्पेस हॉर्बर (रेगिस्तान) में लैंड हुआ। बोइंग कंपनी ने NASA के लिए यह स्पेसक्राफ्ट बनाया था। स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी दिक्कतों और हीलियम गैस के रिसाव की जानकारी सामने आई थी। लेकिन इसके सुरक्षित लौटने पर कई तरह की आशंकाएं थीं। NASA के पूर्व एस्ट्रोनॉट बोले- खाली स्पेस क्राफ्ट लाना सही फैसला
NASA के पूर्व एस्ट्रोनॉट गैरेट रीसमैन ने CNN से कहा कि NASA का खाली स्पेस क्राफ्ट को लाने का फैसला बिल्कुल सही है। रीसमैन फिलहाल इलॉन मस्क की स्पेसएक्स से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि भले ही स्टारलाइनर सुरक्षित लैंड कर गया है मगर इसकी सेफ लैंडिग को लेकर लेकर कोई भी निश्चिंत नहीं था। नासा को स्पेस स्टेशन पहुंचने के लिए प्राइवेट कंपनी की जरूरत क्यों पड़ी…
नासा ने 2011 में अपने स्पेस शटल प्रोग्राम को बंद कर दिया था। इस प्रोग्राम के तहत नासा ने 1981 से 2011 तक अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक पहुंचाया था। हालांकि, 2003 में हुए हादसे से दुनिया का स्पेस शटल पर भरोसा डगमगा गया। ये वही हादसा था जिसमें भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की मौत हो गई थी। स्पेस शटल प्रोग्राम बंद होने के बाद से अमेरिका ISS तक पहुंचने के लिए रूस के सोयूज स्पेसक्राफ्ट का इस्तेमाल करता है। हालांकि, दोनों देशों में बिगड़ते रिश्तों के बीच अमेरिका रूस पर निर्भरता खत्म करना चाहता है। ऐसे में वो प्राइवेट प्लेयर्स पर दांव लगा रहा है। सुनीता विलियम्स से जुड़ी ये खबरे भी पढ़ें… सुनीता विलियम्स 12 दिन से स्पेस में फंसीं:13 जून को लौटना था; NASA ने स्पेसक्राफ्ट में खराबी बताकर चौथी बार वापसी टाली हालांकि, NASA की बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के कारण लगातार चौथी बार इनकी वापसी टाली गई है। पहली घोषणा 9 जून को की गई थी, जिसमें बताया गया था कि लैंडिंग को 18 जून तक आगे बढ़ाया जा रहा है। पूरी खबर यहां पढ़ें…