प्रदेश के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया है। इसमें 3 महिला और 7 पुरुष हैं। मारे गए सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं। घटना नक्सल प्रभावित कोंटा के भेज्जी थाना क्षेत्र के दंतेसपुरम, कोराजुगुड़ा, नागाराम के जंगल में हुई। मारे गए नक्सलियों से एक इंसास राइफल, एक एके-47, एक एसएलआर और बीजीएल सहित 12 हथियार भी जब्त किए गए। आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि दो की पहचान दक्षिण बस्तर संभाग के मिलिट्री इंचार्ज मड़काम मासा और एरिया कमेटी मेंबर लखमा माडवी के रूप में हुई है। इन पर 8 लाख व 5 लाख का इनाम था। अन्य मृतकों में एक मासा की पत्नी दूधी हुनी (35), उसका गार्ड कोवासी केसा, मडकम जीतू और मडकम कोसी शामिल हैं। इनमें हर एक पर 2-2 लाख का इनाम था। इस साल 1 जनवरी से 22 नवंबर तक विभिन्न अभियानों और मुठभेड़ों के दौरान 207 नक्सली मारे जा चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों की एरिया कमेटी बड़ी वारदात की फिराक में थी। इसका इनपुट जवानों को लग गया। नक्सलियों को घेरने की रणनीति के तहत जवानों ने 3 रातें जंगल में बिताईं। आखिर भंडारपदर में जवान नक्सलियों के ठिकाने पर पहुंचे। करीब ढाई घंटे तक चली मुठभेड़ में 10 नक्सली ढेर हो गए। एरिया कमेटी वारदात की फिराक में थी सुकमा व बीजापुर जिले की सरहद पर 3 नए पुलिस कैंप बीते एक हफ्ते में ही खोले गए हैं। इनमें सुकमा जिले के पुलनपाड़ और रायगुड़ा में नया पुलिस कैंप शामिल है। वहीं बीजापुर जिले के कोंडापल्ली में संयुक्त कैंप खोला गया है। दक्षिण बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार खुल रहे पुलिस कैंप से नक्सलियों की बेचैनी बढ़ गई है। इसी कारण कोंटा व किस्टारम एरिया कमेटी के बड़े कैडर के नक्सली डीवीसी सदस्य दुधी मासा के नेतृत्व में क्षेत्र में बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश के तहत किस्टारम व भेज्जी के जंगल में जमा हुए थे। स्थानीय कैडर व ग्रामीणों की बैठक लेकर वारदात की नई रणनीति इस बैठक में बनाई जानी थी। इसका इनपुट मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने संयुक्त ऑपरेशन की तैयारी की। जिस तरह से अब तक जवानों को घेरकर नक्सली गुरिल्ला युद्धनीति के तहत उन पर हमला करते थे। ठीक यही रणनीति जवानों ने अपनाई। ऑपरेशन में 500 से ज्यादा जवान शामिल थे। किस्टारम थाना क्षेत्र के पोटकपल्ली कैंप से 3 टुकड़ियों समेत भेज्जी थाना क्षेत्र से डीआरजी की 3 टुकड़ियों को रवाना किया गया। 19 नवंबर देर शाम डीआरजी की टीम जंगल-पहाड़ी होते हुए कंगलातोंग पहुंची। रात गुजारने के बाद टीम कोराजगुड़ा रवाना हुई। कोराजगुड़ा के जंगल में रात को ऑपरेशन की रणनीति फाइनल करने के बाद जवानों की टीम दंतेशपुरम पहुंची। यहां से गुरुवार की देर रात ही टीम भंडारपदर पहुंच गई और रात में ही नक्सलियों को घेरने की योजना तैयार कर ली। जवान करीब 60 किमी पैदल चलकर भंडारपदर की पहाड़ी पर पहुंचे। उसके बाद अपनी रणनीति को अंजाम दिया। जवानों को बधाई, नक्सलियों का सफाया तय: मुख्यमंत्री
सीएम विष्णु देव साय ने सुरक्षा बलों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ से नक्सलियों का सफाया निश्चित है। मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलियों के सफाया करने का लक्ष्य है। हम इसे पाने आगे बढ़ रहे हैं।