छत्तीसगढ़वासियों को उज्जैन, मथुरा, काशी और अयोध्या के लिए डायरेक्ट बस सुविधाएं मिलने वाली है। साय सरकार ने MP से 53 नए मार्गों पर बस संचालित करने का MoU किया है। इसके साथ ही UP और महाराष्ट्र सरकार से नए मार्गों पर बसों को चलाने के लिए MoU करेगी। छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है, कि जल्द ही छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के कई शहरों के बीच 53 नए मार्गों पर जल्द ही यात्री बसों का संचालन होगा। रिपोर्ट मिलने के बाद परमिट जारी किया जाएगा चिन्हित रूट, पहले से चल रहे वाहनों की संख्या, समय चक्र का सर्वे करने और संबंधित जिले के आरटीओ की रिपोर्ट मिलने के बाद परमिट जारी किया जाएगा। साथ ही दावे-आपत्तियों की सुनवाई कर उनका निराकरण भी किया जाएगा। दोनों राज्यों के बीच यात्रियों की संख्या को देखते हुए यह कवायद लंबे समय से चल रही थी। 17 साल बाद हुई बैठक तो निकला रास्ता मध्यप्रदेश से नए रूटों पर बसें चलाने के लिए दोनों विभागों के परिवहन अधिकारियों की हाल ही में एक बैठक हुई थी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार यह बैठक 17 साल बाद हुई है। इस बैठक में चर्चा के बाद 53 नए रूटों पर बसें चलाने पर सहमति बनी। अंतरराज्यीय समझौते के तहत ये यात्री बसें दोनों राज्यों के विभिन्न शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच चलेंगी। मध्यप्रदेश के इस नए रूट पर चलेंगी बसें रायपुर से मध्यप्रदेश के भोपाल के साथ इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, मंडला सहित अन्य प्रमुख जिलों के लिए बस चलेंगी। इनको दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, जगदलपुर, कांकेर धमतरी सहित अन्य प्रमुख शहरों से मध्यप्रदेश के लिए संचालन किया जाएगा। इस समय रायपुर से जबलपुर, छिंदवाडा़, रींवा, सतना,मैहर सहित अन्य शहरों के लिए बसों का संचालन होता है। नए मार्ग में बस चलने के बाद इन दोनों राज्यों के लोगों को यात्रा करने में राहत होगी। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से भी जल्द होगी करार छत्तीसगढ़ से बनारस, मथुरा, अयोध्या, कानपुर और रायपुर से महराष्ट्र, पुणे के लिए परिवहन अधिकारियों के बीच चर्चाओं का दौर जारी है। इससे तीनों ही राज्यों के यात्रियों के साथ ही राज्य सरकार को राजस्व मिलेगा। वर्तमान में रायपुर से मध्यप्रदेश के छिंदवाडा़ के लिए कवर्धा और राजनांदगांव के रास्ते संचालन होता है। समझौता होने पर नागपुर से सावनेर के रास्ते चलाए जाने पर तीनों ही प्रमुख शहर जुड़ने से यात्रियों को इसका लाभ मिलेगा। किराया से लेकर सुविधाओं की जांच अंतरराज्यीय बस सेवा का विस्तार करने के लिए राज्य परिवहन प्राधिकार का गठन किया गया है। वह बसों की क्षमता, किराया और उपलब्ध सेवाओं की जांच कर परमिट आवेदन की सुनवाई करती है। इस दौरान सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद संचालन की अनुमति मिलेगी। दूसरे राज्यों से करार के दौरान अधिकारियों को सरकारी और प्राइवेट गाड़ियों के परिचालन में समन्वय बिठाना पड़ रहा है, ताकि परमिट जारी करने के दौरान लगने वाली राशि पर संतुलन बैठाया जा सके। अभी यहां से पड़ोसी राज्यों की राजधानी के लिए सीधी बस रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अंबिकापुर और रायगढ़ से पड़ोसी राज्यों की राजधानियों के लिए सीधी बस सेवाएं संचालित की जा रही हैं। महाराष्ट्र में मुंबई, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में हैदराबाद, मध्य प्रदेश में भोपाल, बिहार में पटना, ओडिशा में भुवनेश्वर के साथ ही झारखंड की राजधानी रांची के लिए बसें संचालित की जाती हैं। परिवहन सेवा विस्तार के लिए किया जा रहा एग्रीमेंट अपर परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर ने दैनिक भास्कर से चर्चा के दौरान कहा, कि आम नागरिकों को परिवहन सेवा अच्छी मिले, इसलिए अलग-अलग राज्यों से MoU किया जा रहा है। वर्तमान में मध्यप्रदेश से 53 नए मार्गों पर बस संचालित करने का एमओयू हुआ है। उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र से भी नए मार्गों पर बस चलाने की बात की जा रही है। आने वाले दिनों में अयोध्या-काशी, मथुरा, उज्जैन और शिरडी समेत अन्य स्थानों के लिए यात्रियों को सीधी बसें आसानी से मिल सकेगी।