दीपावली पर अयोध्या रोशन है। पिछले 2 दिनों से वहां उत्सव जारी है। वहीं भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में साधारण रूप से दीपोत्सव मनाया जा रहा है। माता कौशल्या मंदिर के परिसर को दीपों से सजाया जाएगा। इस बार आयोजन की जिम्मेदारी मंदिर समिति की है। पिछले साल स्थानीय विधायकों के सहयोग से यहां 21 हजार दिये जलाए गए थे। जबकि कांग्रेस सरकार में 3600 दीयों से चंदखुरी रोशन हुई थी। मंदिर के सेवादार श्यामलाल साहू ने बताया कि इस साल पूरा आयोजन मंदिर समिति कर रही है। समिति ही दीये जलाकर रामायण का पाठ करेगी। चंदखुरी में है माता कौशल्या का एकमात्र मंदिर रायपुर से करीब 20 किमी दूर स्थित चंदखुरी स्थित है। यहां भगवान राम बाल रूप में अपनी मां की गोद में विराजमान हैं। जलसेन तालाब के बीचों-बीच ये मंदिर बना है। यह पूरी दुनिया में भगवान राम की माता को समर्पित एकमात्र मंदिर माना जाता है। सरकार ने लोगों की आस्था और इसके धार्मिक महत्व को समझते हुए। इसे रामव न गमन पथ में शामिल किया है और इस मंदिर परिसर को विकसित कर इसका सौंदर्यीकरण किया गया था। छत्तीसगढ़ के भांचा है भगवान राम भगवान राम छत्तीसगढ़ के भांचा यानि भांजा हैं। छत्तीसगढ़ को प्राचीन समय में दक्षिण कोसल कहा जाता था और भगवान राम की माता कौशल्या यहीं से थी। इसलिए कौशल्या के पुत्र राम कोसल प्रदेश के भांचा राम कहे जाते हैं। यहां के लोग भी इस रिश्ते को पूरी आत्मीयता के साथ निभाते हैं। बहन को कौशल्या माना जाता है और भांजे को राम। इस तरह भांजे का चरण स्पर्श कर मामा आशीर्वाद लेता है। राम वन गमन शोध संस्थान ने भगवान राम को लेकर छत्तीसगढ़ में हुए रिसर्च के बाद ये बताया कि अपने वनवास काल के दौरान श्रीराम ने 10 वर्ष से भी अधिक समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया था। इसके बाद वे दक्षिण की तरफ गए। इस वजह से ही इसे दक्षिण पथ भी कहा जाता है। दीपावली से संबधित यह खबर भी पढ़ें… दिवाली में पटाखों से जल जाएं तो क्या करें:टूथपेस्ट-बर्फ लगाना सही या गलत, अस्पतालों में क्या रहेगी व्यवस्था; जानिए रायपुर के इमरजेंसी नंबर छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में आज (गुरुवार) और कल (शुक्रवार) को दीपावली खुशियों से मनाई जा रही है। हर ओर आतिशबाजी का शोर 2 दिन पहले से ही गूंजने लगा है। जमकर पटाखे फोड़े जा रहे हैं। कई बार इसके चलते हादसे भी होते हैं। पढ़ें पूरी खबर…