ज्योतिष पीठाधीश्वर के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती रायपुर दौरे पर हैं। सोमवार को उन्होंने निश्चलानंद के मोदी को गौ-हत्या का एजेंट बताने वाले बयान का समर्थन किया। दैनिक भास्कर के सवाल पर उन्होंने कहा कि, मोदीजी से जितनी बड़ी आशा थी उतनी बड़ी निराशा मिली। दरअसल, गौ-माता को राष्ट्रमाता बनाने के लिए गो प्रतिष्ठा आंदोलन चल रहा है। इसी के तहत गो-ध्वज स्थापना यात्रा रायपुर पहुंची है जहां अविमुक्तेश्वरानंद शामिल हुए। यहां उन्होंने एक और बड़ा बयान देते हुए कहा कि, महात्मा गांधी राष्ट्रपिता नहीं हैं। गांधी को राष्ट्रपिता बताना सिर्फ अफवाह-शंकराचार्य रायपुर के दीनदयाल ऑडिटोरियम में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शंकराचार्य ने कहा कि, राष्ट्रपिता नाम की कोई चीज हमारे यहां नहीं है। भारत कब से है, यह कोई नहीं जानता। इसका जन्म देने वाला कोई नहीं है। जब पाकिस्तान बना और पाकिस्तान के ‘कायदे आजम’ राष्ट्रपिता मोहम्मद अली जिन्ना बने, क्योंकि वह नया जन्मा था, लेकिन भारत पहले से था। भारत को किसी ने नहीं जन्म दिया है। ऐसे में भारत में कोई भी राष्ट्रपिता की पदवी पर प्रतिष्ठित नहीं किया जा सकता है। मोहन दास करमचंद गांधी को राष्ट्रपिता बताने की लोग अफवाह फैलाते हैं। अगर वे राष्ट्रपिता होंगे, तो उनसे प्रश्न होंगे कि उन्होंने किस राष्ट्र को जन्म दिया है। उनका जन्म तो खुद भारत में हुआ है, फिर वे कैसे राष्ट्रपिता हुए। इस बात की स्पष्टता इससे मिलेगी, जब गौ-माता राष्ट्र माता घोषित होगी। निश्चलानंद सरस्वती के मोदी गौ-हत्या एजेंट वाले बयान का किया समर्थन अंबिकापुर में पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा था कि, गौ-रक्षा के लिए आए मोदी गौ-हत्या के एजेंट हो गए हैं। इस पर अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि, उन्होंने कोई गलत बात नहीं कही है। 2014 के चुनाव में उन्होंने बड़ी-बड़ी बातें की थी। मोदी ने कहा था कि, आपका हृदय दहलता है या नहीं, मेरा हृदय दहलता है। मैं दुखी होता हूं। वह वीडियो देखकर हमने उन्हें वोट दिया था कि अगर यह व्यक्ति आएगा तो गौ-हत्या बंद कर देगा। यह बयान इंटरनेट पर भी है। नरेन्द्र मोदी से हमें बहुत बड़ी आशा की थी। लेकिन बड़ी निराशा हमें मिली। जितने ज्यादा हम ऊंचाई पर चढ़े थे, उतने ज्यादा नीचे गिरने पर हमें चोट लगी। अगर उनसे हम कम आशा रखते, तो हमें कम दुख होता। उन्होंने बड़ी आशा जगाई थी, इसलिए उनसे हमें बड़ा दुख है। बाबा साहेब के विचारों को सम्मान देने से शांति स्थापित होगी धार्मिक विवाद रोकने के सवाल पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि, आजादी के पहले ही धार्मिक विवाद शुरू हो गए थे। धार्मिक विवाद के लिए देश में बंटवारा हुआ। कुछ लोगों ने कहा कि, हम साथ नहीं रह सकते। अंबेडकर जिन्होंने संविधान की रचना की उनका स्पष्ट मत था कि, हिंदू और मुस्लिम कभी एक साथ नहीं रह सकते, इसलिए बंटवारा कर देना चाहिए। जब तक एक भी मुस्लिम भारत में रहता है, तब तक शांति स्थापित नहीं हो सकती है। ये बाबासाहेब अंबेडकर की बात हम कह रहे हैं, वे दूरदर्शी थे। अंबेडकर को इस देश में इतना सम्मान दिया जाता है, तो उनके विचारों को क्यों सम्मान नहीं दिया जाता। इसलिए उनके विचारों को सम्मान देने से शांति स्थापित होगी। छत्तीसगढ़ से बड़ी उम्मीद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि, हमें छत्तीसगढ़ से बड़ी उम्मीद है। यहां हर गांव में हर कोई गाय के साथ दिखाई देता है। यहां के लोगों में गौ माता के प्रति बड़ी भक्ति है। छत्तीसगढ़ में महतारी के रूप में गाय माता को माना जाएगा। मोला छत्तीसगढ़ सरकार ले भरोसा हे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने छत्तीसगढ़ी में कहा कि, छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की नगरी है। यहां के नस्ल की गाय का नाम भी कौशल्या है। आज भी छत्तीसगढ़ में वह विराजमान है। मोला छत्तीसगढ़ सरकार ले भरोसा हे कि छत्तीसगढ़ की सरकार कौशल्या मां ला राज्य माता बनाही। उन्होंने कहा कि, अब देखते है यहां के सीएम को हमने सन्देश दिया है। छत्तीसगढ़ में गौ माता प्रतिष्ठित होगी। गाय को अनुदान नहीं, सम्मान चाहिए। हमें छत्तीसगढ़ सरकार से बहुत उम्मीद है। शंकराचार्य से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए… शंकराचार्य बोले- मोदी गौ-हत्या के एजेंट हो गए: अंबिकापुर में निश्चलानंद बोले- पहले मोदी की गारंटी कहते थे; अब नीतीश-नायडू की बैसाखी पर हैं छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि गौ-रक्षा के लिए आए मोदी, गौ-हत्या के एजेंट हो गए हैं। गौ-रक्षा के नाम पर प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री बनने के बाद वे गौ रक्षकों को गुंडा कहते हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर…