छत्तीसगढ़ में आज सरगुजा संभाग के एक दो जगहों पर गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। प्रदेश के बाकी जगहों पर बारिश थमने से गर्मी सताने लगी है। रायपुर में दिन का तापमान आज सामान्य से ज्यादा रह सकता है। प्रदेश में 1 जून से लेकर 27 सितंबर तक 1222.7 मिलीमीटर बारिश हुई है जो औसत से 8% अधिक है। शुक्रवार को बलरामपुर में सबसे ज्यादा बरसा पानी शुक्रवार को प्रदेश में मानसून सक्रीय रहा। प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हुई। प्रदेश के दो जिले बीजापुर और बलरामपुर में अति भारी बारिश हुई है। वहीं बलौदा बाजार, मोहला-मानपुर, नारायणपुर और सुकमा में औसत से अधिक वर्षा हुई है। सरगुजा, सारंगढ़-बिलाईगढ़, जशपुर, दुर्ग और बेमेतरा में औसत से कम बारिश हुई है। बाकी जिलों में सामान्य पानी बरसा है। बिलासपुर: गरज-चमक के साथ बारिश और बिजली गिर सकती है बिलासपुर में आज भी बारिश की संभावना जताई गई है। एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ बिजली गिरने की भी आशंका है। न्यायधानी में शुक्रवार का दिन सावन और भादो जैसा रहा। दिन की शुरूआत रिमझिम फुहारों से हुई। दिन चढ़ने के साथ आसपास ग्रामीण अंचल में हल्की वर्षा हुई। शहर में खंड वर्षा जैसी स्थिति भी बनी रही। पढ़ें पूरी खबर 1200 मिमी से ज्यादा बारिश मानसून ने इस साल छत्तीसगढ़ को भरपूर पानी दिया है। 8 जून को मानसून की प्रदेश में दस्तक हो गई थी। जून में थोड़ी कम बारिश हुई। जुलाई का पहला पखवाड़ा भी कमोबेश सूखा रहा। 18 जुलाई से मानसून ने जो रफ्तार पकड़ी वो सितंबर तक नहीं थमी। सीजन खत्म होने के चार दिन पहले यानी 26 सितंबर को ही 1200 मिमी तक बारिश हो गई। पिछले दो दशक में ऐसा सिर्फ पांचवी बार हो पाया है। प्रदेश में अच्छी बारिश का सीधा ताल्लुक अर्थव्यवस्था और जनजीवन से है। अच्छी बारिश होने पर कृषि उत्पादन इस साल अच्छा होने की उम्मीद है। 16-18 जून को आए मानसून से ज्यादा वर्षा आंकड़ों के अनुसार 16 से 18 जून के बीच आए मानसून ने अच्छी बारिश कराई है। 2022 में 16 जून को मानसून आया और 1266.1 मिमी बारिश हुई। 2012 में 18 जून को आया और 1230.7 मिमी पानी बरसा। 2011 में 17 जून को मानसून आया और 1212.2 मिमी बारिश कराई। इस साल मानसून 8 जून को पहुंच गया था। इसलिए अच्छी बारिश की उम्मीद थी। आगमन के बाद कुछ समय तक मानसून ब्रेक के हालात बन गए थे। 18 जुलाई के बाद ही मानसून की गतिविधियां तेज हुई। अच्छा यह रहा कि रफ्तार पकड़ने के बाद मानसून ने फिर आराम नहीं किया। हर थोड़े अंतराल में कुछ सिस्टम बनते गए। इससे लगातार बारिश होती रही। ला-नीनो फैक्टर से लगातार पानी गिरा मौसम विज्ञानी डॉ. गायत्री वाणी कांचिभ के अनुसार इस साल अगस्त मध्य से ला- नीनो फैक्टर के कारण लगातार बारिश हुई है। प्रदेश में मानसून लौटने तक बारिश की संभावना बनी रहती है। पूरे छत्तीसगढ़ से 20 अक्टूबर तक मानसून के लौटने का सामान्य प्रचलन है। देश के उत्तर-पश्चिमी राज्यों के कुछ अन्य हिस्सों से मानसून लौट गया और इसी के साथ-साथ दक्षिण-पश्चिमी हवा का प्रभाव खत्म होने लगा। इसे ही मानसून का लौटना कहा जाता है। वैसे प्रदेश में आज भी कहीं-कहीं पर हल्की बारिश या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। रायपुर में चढ़ने लगा पारा शुक्रवार से दिन का तापमान फिर बढ़ने से गर्मी महसूस होने लगी है। मौसम विभाग के मुताबिक आज बादल छाए रह सकते हैं। दिन का तापमान भी सामान्य से अधिक रहेगा। प्रदेश के 12 बड़े डैम में 86% तक जलभराव हो गया है। पिछले साल यह 78.31% था। 34 मध्य और छोटे बांधों में 89.16 फीसदी पानी भर गया है। साल 2023 में यह 83.69 फीसदी था।