एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुश विलमोर को स्पेस स्टेशन ले जाने वाला स्पेस क्राफ्ट 3 महीने बाद धरती पर सुरक्षित लैंड हो गया है। 3 बड़े पैराशूट और एयरबैग की मदद से इसकी सुरक्षित लैंडिंग हुई। स्पेस क्राफ्ट भारतीय समयानुसार सुबह 3:30 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अलग हुआ था। इसको धरती पर आने में करीब 6 घंटे लगे। स्टारलाइनर ने 9 बजकर 15 मिनट पर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया था। तब इसकी गति करीब 2,735 किमी प्रति घंटा थी। यह सुबह 9 बजकर 32 मिनट पर अमेरिका में न्यू मैक्सिको के व्हॉइट सैंड स्पेस हॉर्बर (रेगिस्तान) में लैंड हुआ। बोइंग कंपनी ने NASA के साथ मिलकर यह स्पेस क्राफ्ट बनाया है। 5 जून को इससे सुनीता और बुच को ISS पर भेजा गया था। यह सिर्फ 8 दिन का मिशन था, लेकिन तकनीकी दिक्कत के कारण इसकी वापसी टालनी पड़ी थी। अब यह स्पेसक्राफ्ट बिना क्रू के पृथ्वी पर वापस आ चुका है। स्पेस स्टेशन से स्टारलाइनर को अलग होते देखिए… NASA और बोइंग की टीम स्पेस क्राफ्ट में मौजूद केमिकल्स की जांच करेगी
रिपोर्ट्स के मुताबिक स्पेस क्राफ्ट को नासा और बोइंग की टीम असेंबली यूनिट में लेकर जाएगी। वहां पर उसकी जांच की जाएगी। पता किया जाएगा कि स्टारलाइन के प्रॉपल्शन सिस्टम में क्यों खराबी आई। किस वजह से हीलियम लीक हुई। CNN के मुताबिक स्पेस क्राफ्ट की लैंडिंग के बाद स्पेस स्टेशन में मौजूद सुनीता विलियम्स ने खुशी जताई है। उन्होंने टीम की प्रशंसा करते हुए कहा- आप लोग बेहतरीन हैं। रिपोर्ट के मुताबिक स्पेस क्राफ्ट की वापसी और इससे जुड़े अपडेट को लेकर NASA सुबह 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेगी। इसमें बोइंग का एक भी प्रतिनिधि मौजूद नहीं रहेगा। NASA ने 24 अगस्त को बोइंग के स्पेस क्राफ्ट स्टारलाइनर को सुनीता विलियम्स की वापसी के लिए असुरक्षित बताया था। इसके बाद से ही स्टारलाइनर से जुड़े किसी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोइंग का कोई भी अधिकारी शामिल नहीं हुआ है। लॉन्चिंग से वापसी तक सवाल-जवाब में जानिए इस मिशन के बारे में… सवाल: सुनीता विलियम्स स्पेस में कब गई थीं और उन्हें कब वापस आना था?
जवाब: 5 जून 2024 को सुनीता स्टारलाइनर नाम के स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर स्पेस मिशन पर गई थीं। यह अमेरिकी एयरक्राफ्ट कंपनी बोइंग और NASA का संयुक्त ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ है। इसमें सुनीता, स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं। उनके साथ गए बुश विलमोर इस मिशन के कमांडर थे। दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 8 दिन रुकने के बाद वापस पृथ्वी पर आना था, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी दिक्कतों और हीलियम गैस के रिसाव के चलते सुनीता वहीं फंसी हैं। सवाल: सुनीता और विलमोर को स्पेस स्टेशन पर क्यों भेजा गया था?
जवाब: बोइंग की तरफ से कहा गया था कि ये लॉन्च, NASA और बोइंग के स्टारलाइनर क्रू फ्लाइट टेस्ट की शुरुआत है। लॉन्च के समय बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी के प्रेसिडेंट और CEO टेड कोलबर्ट ने इसे स्पेस रिसर्च के नए युग की शानदार शुरुआत बताया था। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता साबित करना था। एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। सुनीता और विलमोर पहले एस्ट्रोनॉट्स हैं जो एटलस-वी रॉकेट के जरिए स्पेस ट्रैवेल पर भेजे गए। इस मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली उड़ाना था। फ्लाइट टेस्ट से जुड़े कई तरह के ऑब्जेक्टिव भी पूरे करने थे। सवाल: सुनीता के स्पेस क्राफ्ट के साथ क्या दिक्कत हुई जिसके चलते वह स्पेस में फंस गईं?
जवाब: लॉन्च से पहले और बाद में स्पेसक्राफ्ट में लगातार दिक्कतें आईं… सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष से 250 दिन बाद लौटेंगी: हड्डियां-आंखें कमजोर हो जाएंगी, DNA में बदलाव संभव; भविष्य में कैंसर का खतरा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स दो महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अंतरिक्ष में हैं। अब उनकी वापसी फरवरी 2025 में होगी। इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में लगभग 250 दिन बिताए होंगे। लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने की वजह से उनके शरीर, आंख और DNA में कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। पूरी खबर पढ़ें…