सितंबर में साल आखिरी चंद्रग्रहण लगने वाला है। पितृपक्ष में लगने वाला चंद्र ग्रहण काफी खास होने वाला है। आपको बता दें, यह चंद्र ग्रहण आंशिंक होगा और साथ ही सुपर हारवेस्ट मून भी होगा। नासा की वेबसाइट के अनुसार, 18 सितंबर को आंशिंक चंद्र ग्रहण लगेगा, जो अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में दिखाई देगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। इस दिन पूर्वभद्रपद नक्षत्र रहेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत के समय के अनुसार, सुबह 6 बजकर 11 मिनट पर लगेगा, जो कि सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। चंद्र ग्रहण 4 घंटे 6 मिनट तक होगा।
क्या होता है सुपर हारवेस्ट मून
सुपर मून जब दिखाई देता है, जब चंद्रमा धरती के सबसे करीब के प्वाइंट पर होता है। धरती के करीब होने के कारण यह काफी बड़ा और ब्राइट लगता है। दरअसल, हारवेस्ट मून की वजह से चंद्रमा की रोशनी बेहद खास लगती है।
आंशिंक चंद्रग्रहण कब लगता है?
जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के अपूर्ण संरेखण के परिणामस्वरुप चंद्रमा पृथ्वी की छाया के केवल एक भाग से होकर गुजरता है। छाया बढ़ती है और चंद्रमा को पूरी तरह से ढके बिना ही पीछे हट जाती है।
सूतक भारत में मान्य नहीं होगा
आपको बता दें कि, चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए इसका सूतक काल माना नहीं जाएगा। इसके साथ ही श्राद्धकर्म अपने समय पर होंगे। मंदिर के कपाट भी खुलें रहेंगे और पूजा पाठ भी कर सकते है।